Nifty Target: एक रिपोर्ट के अनुसार, इस साल दिसंबर तक निफ्टी 26,889 तक पहुंचने की उम्मीद है. इसकी मुख्य वजह घरेलू मांग में सुधार, सरकार की अच्छी नीतियां और आर्थिक सहायता देने वाले कदम हैं. पीएल कैपिटल (PL Capital) नाम की एक वित्तीय सेवा कंपनी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि सकारात्मक माहौल को देखते हुए, उन्होंने निफ्टी का 12 महीने का लक्ष्य बढ़ाकर 26,889 कर दिया है.
कौन से सेक्टर बनेंगे सहारा?
रिपोर्ट के मुताबिक, घरेलू फार्मा, कुछ चुनिंदा उपभोक्ता वस्तुएं, बैंक, कैपिटल गुड्स (पूंजीगत सामान), डिफेंस (रक्षा) और पावर (बिजली) जैसे सेक्टर आने वाले समय में अच्छा प्रदर्शन करेंगे. पीएल कैपिटल के रिसर्च डायरेक्टर, अम्निश अग्रवाल ने कहा, “हालांकि अभी पूरी तरह से सुधार नहीं हुआ है, लेकिन टैक्स में राहत, सामान्य मानसून, महंगाई कम होना और ब्याज दरों में कमी जैसे कारक खपत-आधारित सुधार के लिए स्थितियां बना रहे हैं.”
बाजार को सपोर्ट देंगे ये फैक्टर्स
पहली तिमाही में सरकार ने पूंजीगत खर्च (कैपिटल एक्सपेंडिचर) में बड़ी बढ़ोतरी की है. अप्रैल में यह 61% और मई में 39% बढ़ा. नए प्रोजेक्ट के ऑर्डर और रक्षा खर्च में भी काफी वृद्धि हुई है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट में 100 बेसिस पॉइंट की कमी की है और कैश रिजर्व रेशियो (CRR) में भी 100 बेसिस पॉइंट की क्रमिक कटौती की घोषणा की है. इससे भी अलग-अलग सेक्टरों को बढ़ने में मदद मिली है.
रिपोर्ट बताती है कि ग्रामीण इलाकों में लोगों की भावनाएं मजबूत बनी हुई हैं, जबकि शहरों में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है, खासकर उन चीजों में जिनकी खरीदारी लोग अपनी पसंद से करते हैं. ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी बेहतर प्रदर्शन कर रही है. खरीफ की बुवाई में पिछले साल के मुकाबले 11% की बढ़ोतरी हुई है, खाने-पीने की चीजों की महंगाई भी कम हुई है और ग्रामीण विकास में सरकारी खर्च भी बढ़ा है.
कंपनियों के मुनाफे का अनुमान
हालांकि कंपनियों की कुल आय (टॉप-लाइन ग्रोथ) में सिर्फ 2% की मामूली बढ़ोतरी का अनुमान है, लेकिन EBITDA (ब्याज, टैक्स, डेप्रिसिएशन और अमोर्टाइजेशन से पहले का मुनाफा) में 15% और PBT (टैक्स से पहले का मुनाफा) में 15.6% की मजबूत वृद्धि का अनुमान है.
कुल मिलाकर, घरेलू सेक्टर ही बाजार के अगले चरण के प्रदर्शन का नेतृत्व करेंगे. रिपोर्ट में बैंकों, हेल्थकेयर, उपभोक्ता वस्तुओं, टेलीकॉम और कैपिटल गुड्स में ज्यादा निवेश करने की सलाह दी गई है, जबकि आईटी सर्विसेज, सीमेंट, मेटल्स और तेल व गैस सेक्टर में कम निवेश की बात कही गई है.
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