पटना। बिहार चुनाव से पहले चुनाव आयोग बिहार में विशेष गहन मतदाता पुनरीक्षण करवा रहा है। इसको लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ने लगी है। विपक्षी दल के नेता लगातार इसको लेकर सरकार को घेरने में जुटे हुए हैं। राजद नेता और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने अब बड़ा वाल उठा दिया है। उन्होंने कहा कि, अगर ए प्रतिशत मतदाताओं को भी छांटा जाता है तो लगभग सात लाख 90 हजार मतदाताओं के नाम कटेंगे। चुनाव आयोग के माध्यम से बीजेपी का निशाना अब ऐसी हर सीट पर है।
पढ़ें :- Parliament Monsoon Session : मॉनसून सत्र 9 दिनों के लिए बढ़ा, मोदी सरकार 8 नए विधेयक पेश कर और पारित कराने की तैयारी
तेजस्वी यादव ने सोशल मीडया एक्स पर लिखा, बिहार में कुल 7 करोड़ 90 लाख मतदाता है। कल्पना कीजिए, बीजेपी के निर्देश पर अगर मिनिमम एक प्रतिशत मतदाताओं को भी छांटा जाता है तो लगभग 7 लाख 90 हज़ार मतदाताओं के नाम कटेंगे। यहां हमने केवल एक प्रतिशत की बात की है जबकि इनका इरादा इससे भी अधिक 4-5% का है।
अगर हम इस एक प्रतिशत को यानि 7 लाख 90 हज़ार मतदाताओं को 243 विधानसभा क्षेत्रों से विभाजित करते है तो प्रति विधानसभा 3251 मतदाताओं का नाम कटेगा। (7,90,000/243= 3251)….बिहार में कुल 77,895 पोलिंग बूथ है और हर विधानसभा में औसतन 320 बूथ है। अब अगर एक बूथ से 10 वोट भी हटेंगे तो विधानसभा के सभी बूथों से कुल 3200 मत हट जायेंगे। (320*10 =3,200)…अब विगत दो विधानसभा चुनावों के क्लोज मार्जिन से हार-जीत वाली सीटों का आंकड़ा देखें तो 2015 विधानसभा चुनाव में 3 हज़ार से कम मतों से हार-जीत वाली कुल 15 सीटें थी एवं 2020 के चुनाव में 3 हज़ार से कम वोटों से हार-जीत वाली कुल 35 सीटें थी।
अगर 5 हज़ार से कम अंतर से हार-जीत वाली सीटों को गिने तो 2015 में 32 सीटें और 2020 में ऐसी कुल 52 सीटें थी। चुनाव आयोग के माध्यम से बीजेपी का निशाना अब ऐसी हर सीट पर है। ऐसी ही सीटों के चुनिंदा बूथों, समुदायों और वर्गों के बहाने से ये लोग वोट छांटना चाहते हैं। लेकिन हम सब सतर्क हैं, हमारे कार्यकर्ता हर जगह हर घर जाकर इनकी बदनीयती का भंडाफोड़ करते रहेंगे। हम लोकतंत्र को ऐसे खत्म नहीं होने देंगे।
पढ़ें :- VIDEO : ‘कांवड़ मत ले जाना…’ कविता पाठ करने पर बरेली में शिक्षक रजनीश गंगवार के खिलाफ हुई FIR, जानें पूरा मामला?
Read More at hindi.pardaphash.com