पाकिस्तान में सियासी भूचाल? राष्ट्रपति जरदारी के इस्तीफे की अटकलों के बीच सेना प्रमुख मुनीर की भूमिका पर सवाल!

पाकिस्तान की सियासत में बड़े बदलाव की चर्चाएं एक बार फिर तेज हो गई हैं. मंगलवार (15 जुलाई) को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर के बीच हुई बैक-टू-बैक बैठकों ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है. सोशल मीडिया और कुछ पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया कि राष्ट्रपति जरदारी अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं और उनकी जगह जनरल मुनीर को लाया जा सकता है. हालांकि सरकार ने इन खबरों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है.

एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को सबसे पहले जनरल आसिम मुनीर ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से पीएम हाउस में मुलाकात की. इसके कुछ घंटे बाद पीएम शरीफ राष्ट्रपति जरदारी से मिलने राष्ट्रपति भवन पहुंचे. इन दोनों हाई-प्रोफाइल बैठकों के बीच का वक्त बहुत कम था, जिससे सियासी गलियारों में कयासबाजी शुरू हो गई.

सरकार और मंत्रियों ने किया खंडन

रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने मीडिया से बातचीत में कहा कि राष्ट्रपति जरदारी के इस्तीफे या सेना प्रमुख के राष्ट्रपति बनने की खबरें बिल्कुल निराधार हैं. उन्होंने माना कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में इस तरह का दावा किया गया था, लेकिन वह बाद में हटा ली गईं. उन्होंने साफ किया कि राष्ट्रपति को हालिया घटनाक्रमों की पूरी जानकारी दी गई है और उन्होंने सरकार पर विश्वास जताया है.

आसिफ ने कहा, “राष्ट्रपति जरदारी मौजूदा सरकार और राजनीतिक प्रक्रिया को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हैं. प्रधानमंत्री ने उन्हें उन अफवाहों और रिपोर्ट्स से अवगत कराया, जिनमें बदलाव की बातें की जा रही थीं.”

सेना प्रमुख को राजनीति में दिलचस्पी नहीं

रक्षा मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि सेना प्रमुख जनरल मुनीर का राजनीति में कोई हस्तक्षेप नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और सेना प्रमुख की नियमित मुलाकातें होती हैं, सप्ताह में दो-तीन बार जहां सुरक्षा, आंतरिक हालात और सीमावर्ती मसलों पर चर्चा होती है.

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