Hit And Run Punishment: 114 साल के मैराथन रनर फौजा सिंह को टक्कर मारकर भागने वाला शख्स गिरफ्तार हो गया है। हादसे में फौजा सिंह की मौत हो गई है। मामले में कार्रवाई करते हुए पंजाब के जालंधर जिले की देहात पुलिस ने आरोपी को मंगलवार देर रात दबोच लिया। वारदात में इस्तेमाल कार भी बरामद कर ली है। वहीं इस केस को हिट एंड रन का केस माना जा रहा है। हालांकि आरोपी के खिलाफ पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 281 (लापरवाह तरीके से गाड़ी चलाना) और धारा 105 के तहत गैर-इरादतन हत्या का केस दर्ज किया है, लेकिन अगर पुलिस ने हिट एंड रन की धाराएं लगाईं तो आरोपी को कितनी सजा हो सकती है, आइए इस पर एक नजर डालते हैं…
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जुलाई 2023 से सख्त हुए सजा के नियम
दिल्ली हाई कोर्ट के वकील सुभाष तंवर से हुई बातचीत के अनुसार, भारत में हिट एंड रन जैसे केसों में सजा का प्रावधान भारतीय दंड संहिता (IPC), भारतीय न्याय संहिता (BNS) और मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत किया गया है। पहले भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं के तहत केस दर्ज करके सजा दी जाती थी, लेकिन जुलाई 2023 से लागू भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं के तहत हिट एंड रन के लिए धाराएं बदल गई हैं और सजा के नियम ज्यादा सख्त हो गए हैं। हिट एंड रन केस में सजा पीड़ित को लगी चोट, गंभीर चोट, या मौत होने के आधार पर तय होगी। हिट करके अगर ड्राइवर रन कर जाता है तो सजा सुनाते समय इस पक्ष को भी ध्यान में रखा जाएगा।
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क्या हैं धाराएं और कितनी होगी सजा?
वकील सुभाष ने बताया कि हिट एंड रन तब माना जाता है जब चालक दुर्घटना के बाद न तो रुकता है, न ही पीड़ित को सहायता प्रदान करता है, न ही पुलिस को सूचित करता है। भारत में हिट एंड रन केस में अगर पीड़ित की मौत हो जाती है तो 7 से 10 साल तक की सजा का प्रावधान है। घायल होने पर 6 महीने तक की कैद हो सकती है। जुर्माना और लाइसेंस रद्द होने की सजा भी मिल सकती है, लेकिन सजा हादसे के रिजल्ट, ड्राइवर की लापरवाही और सबूतों पर निर्भर करेगी। साल 2023 से पहले IPC की धारा 304A के तहत इस स्थिति में मैक्सिमम 2 साल की जेल की सजा होती थी।
साल 2023 में लागू हुई भारतीय न्याय संहिता (BNS) में धारा 106 के तहत हिट एंड रन केस की सजा का प्रावधान सख्त नियमों के साथ किया गया है। अगर लापरवाही बरतते हुए ड्राइविंग की जाती है और टक्कर लगने से किसी की मौत हो जाती है, लेकिन हिट करके भागने की बजाय शख्स पुलिस को सूचना दे देता है तो धारा 106(1) के तहत केस दर्ज होता है। इस स्थिति में 5 साल तक की कैद हो सकती है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है। अगर टक्कर मारने वाला मौके से फरार हो जाता है तो धारा 106(2) लागू होगी। इस धारा के तहत 10 साल तक की जेल की सजा हो सकती है और जुर्माना लग सकता है।
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मोटर वाहन अधिनियम के तहत सजा का प्रावधान
बता दें कि मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत भी हिट एंड रन केस में धाराएं जोड़ी होती हैं और एक्ट की धाराओं के तहत निर्धारित सजा मिलती है। जैसे अगर खतरनाक ड्राइविंग के लिए एक्ट की धारा 184 लगाई जाती है तो 6 महीने की कैद या 1000 रुपये जुर्माना या दोनों सजा हो सकती है। नशे में ड्राइविंग करने के लिए धारा 185 लगाई जाती है तो 6 महीने की कैद या 2000 रुपये जुर्माना (पहली बार) और दूसरी बार में 2 साल की कैद या 3000 रुपये जुर्माना या दोनों लग सकते हैं। हिट एंड रन केस में अगर एक्ट की धारा 161 जोड़ी जाती है तो मामले में मौत होने पर या गंभीर रूप से घायल होने पर पीड़ित को मुआवजा दिलाया जाता है।
कौन है फौजा सिंह का आरोपी?
बता दें कि 14 जुलाई 2025 को 114 साल के मैराथन रनर फौजा सिंह को उनके गांव में फॉर्च्यूनर कार से टक्कर मारी गई थी। हादसे ने फौजा सिंह की जान ले ली है। उन्हें टक्कर मारने वाला एक NRI है, जिसकी पहचान जालंधर की करतारपुर सब-तहसील के दासूपुर गांव निवासी 32 वर्षीय अमृतपाल सिंह के रूप में हुई है। पुलिस ने उसकी कार भी जब्त कर ली है, जिसका नंबर PB20 C 7100 है। आरोपी अमृतपाल को थाना भोगपुर में रखा गया है। SSP हरविंदर सिंह विर्क ने गिरफ्तारी की पुष्टि की। अमृतपाल के पिता सुखवंत सिंह का निधन हो चुका है, उसकी 3 बहनें हैं और उसकी मां कनाडा में रहती है। अमृतपाल 8 दिन पहले ही कनाडा से आया था। प्राथमिक पूछताछ में अमृतपाल ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है।
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