Fauja Singh Death: विश्व के सबसे उम्रदराज मैराथन धावक फौजा सिंह (Marathon Runner Fauja Singh) अब नहीं रहे। उनका 114 साल की उम्र में निधन हो गया। फौजा सिंह सड़क दुर्घटना में घायल हो गए थे। जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया। जहां पर उनकी मौत हो गयी। पीएम नरेंद्र मोदी ने फौजा सिंह को युवाओं के प्रेरणा स्रोत और असाधारण एथलीट बताते हुए उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।
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पीएम मोदी ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से सबसे उम्रदराज मैराथन धावक फौजा सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने लिखा, “फ़ौजा सिंह जी अपने अद्वितीय व्यक्तित्व और फिटनेस जैसे महत्वपूर्ण विषय पर भारत के युवाओं को प्रेरित करने के अपने तरीके के कारण असाधारण थे। वे अद्भुत दृढ़ संकल्प वाले एक असाधारण एथलीट थे। उनके निधन से बहुत दुःख हुआ। मेरी संवेदनाएँ उनके परिवार और दुनिया भर में उनके अनगिनत प्रशंसकों के साथ हैं।”
Fauja Singh Ji was extraordinary because of his unique persona and the manner in which he inspired the youth of India on a very important topic of fitness. He was an exceptional athlete with incredible determination. Pained by his passing away. My thoughts are with his family and…
— Narendra Modi (@narendramodi) July 15, 2025
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टहलते समय फ़ौजा सिंह को कार ने मारी थी टक्कर
रिपोर्ट्स के अनुसार, 114 साल के फौजा सिंह जालंधर में अपने घर के बाहर टहल रहे थे। इस दौरान एक अज्ञात कार ने उन्हें टक्कर मार दी। इस हादसे में वह बुरी तरह घायल हो गए। फौजा सिंह को सिर में गंभीर चोट लगी थी। जिसके बाद उन्हें जालंधर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां सोमवार शाम को उनकी मृत्यु हो गई। पंजाब के जालंधर में ब्यास गांव में 1 अप्रैल, 1911 को जन्मे फौजा सिंह एक किसान परिवार में चार बच्चों में सबसे छोटे थे।
फौजा सिंह के पैरों में कुछ दिक्कत थी, जिस वजह से वह पांच साल की उम्र तक चलने में असमर्थ थे। उनके परिवार ने सोचा कि वह अपंग हैं, लेकिन जब दौड़े तो उम्र को पीछे छोड़कर दौड़े। दुनिया उनके हौसले को सलाम किया। फौजा सिंह को टर्बेंड टॉर्नेडो (पगड़ीधारी बवंडर), रनिंग बाबा और सिख सुपरमैन कहा जाता है। मशहूर दिवंगत लेखक खुशवंत सिंह ने उन पर किताब टर्बन टोर्नेडो लिखी थी। साल 1992 में वह इंग्लैंड चले गए। उन्होंने धर्मार्थ कार्यों के लिए 1999 में 89 साल की अवस्था में मैराथन में हिस्सा लेने का फैसला लिया था।
फौजा सिंह ने लंदन, टोरंटो और न्यूयॉर्क में 26 मील की फुल मैराथन नौ बार पूरी की है। हांगकांग में हुई मैराथन उनकी जिंदगी की आखिरी रेस रही। 101 साल की उम्र में दुनिया के सबसे उम्रदराज धावक फौजा सिंह ने अंतरराष्ट्रीय मैराथन प्रतिस्पर्धा से संन्यास की घोषणा कर दी। जुलाई 2012 में हुए ओलिंपिक में फौजा सिंह ने ओलिम्पिक मशाल लेकर दौड़ लगाई। साल 2015 में उन्हें ब्रिटिश एम्पायर मैडल से नवाजा गया।
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