Surya Gochar 2025 in Hindi: 16 जुलाई 2025 को सूर्य का कर्क राशि में गोचर केवल एक ज्योतिषीय घटना नहीं है, बल्कि यह भारतीय सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टिकोण से सत्ता, जल और जनसत्ता के टकराव का संकेत दे रही है.
सूर्य आत्मा के कारक हैं. सूर्य का राशि परिवर्तन बाजार को भी प्रभावित करने जा रहा है. ज्योतिष ग्रंथों में इस गोचर को लेकर क्या संकेत दिए गए हैं और किन तरह के प्रभाव देखने को मिल सकते हैं? आधुनिक दृष्टिकोण से जानते हैं-
सूर्य गोचर, इस बार सवाल यह है:
- क्या इससे खाद्य संकट बढ़ेगा?
- क्या सरकारी घोषणाओं की बाढ़ आएगी?
- क्या बाजार एक बार फिर मानसून-नीति के भंवर में फंसेगा?
शास्त्र क्या कहते हैं सूर्य के कर्क राशि में प्रवेश पर?
1. बृहत् संहिता (वराहमिहिर, अध्याय 4 के अनुसार)
सूर्ये कर्के स्थिते नूनं वृष्टिः स्युर्नाति संततिः. शस्य क्षयः प्रजाश्चोरा राजानो दुर्बलाः स्मृताः”
भावार्थ- वर्षा का असंतुलन, अन्न की हानि, शासन-प्रशासन में कमजोरी और जनता में असंतोष.
बाजार प्रभाव:
- FMCG, खाद्य कंपनियों में गिरावट
- सरकारी योजनाओं पर दबाव
- पानी-वर्षा आधारित कारोबार में अस्थिरता
2. भविष्य पुराण के उत्तर पर्व के अध्याय 59 में बताया गया है-
कर्के सूर्ये गच्छति, सप्तधान्यविनाशकः.
जनविप्लवहेतुश्च, जले व्याप्तविकारकः
बाजार संकेत
- अन्न-व्यवस्था बाधित
- Pharma और Health सेक्टर में संभावित तेजी
- FMCG-Stocks में Panic Reactions
3. जातक पारिजात (ग्रहगोचर)
सूर्ये कर्के जले देशे, व्यापारे भ्रम एव च.
सामान्यं धनहानिश्च, परकीयविवादकः॥
बाजार संकेत:
- विदेशी व्यापार में उलझन
- क्रूड ऑयल, Export Pharma में उतार-चढ़ाव
- Stock Sentiment में भ्रम
आर्थिक बाजार में सूर्य कर्क का प्रभाव, आधुनिक परिप्रेक्ष्य में
स्थिति | प्रभावित क्षेत्र | बाजार संकेत |
अकेले सूर्य | Monsoon, FMCG, Agri | Uncertainty, policy anxiety |
सूर्य-शनि दृष्टि | PSU, Policy Sectors | Volatility due to govt tension |
सूर्य-गुरु दृष्टि | Infrastructure, Banking | Stability और Long-term Reforms |
सूर्य- राहु दृष्टि | Media, Politics, Tech | Disinformation-driven risks |
विशेष: 16 जुलाई 2025 को सूर्य जब कर्क राशि में प्रवेश करेगा
- मंगल सिंह में होगा तो अग्निकारी प्रवृत्ति बढ़ेगी
- गुरु मिथुन में व्यापार को बढ़ावा
- शुक्र तुला में जनभावना को बढ़ावा देगा
यानी इस बार का सूर्य गोचर: जल, नीति और जनभावनाओं का एक तीखा त्रिकोण बना सकता है.
सूर्य कर्क राशि में: मानसून और मंदी का मिश्रण?
पहलू | प्रभाव |
नीति | अस्थिर नीतियां, घोषणाओं की बाढ़ |
मौसम | वर्षा-असमानता, जल संकट, बाढ़, सूखा |
शेयर बाजार | FMCG, PSU, Agri, Water-Based कंपनियों में उतार-चढ़ाव |
समाज | जनसत्ता बनाम सत्ता का असंतुलन, भावनात्मक अस्थिरता |
सूर्य का कर्क में आना केवल ऋतु परिवर्तन नहीं, नीति और प्रकृति के द्वंद्व का संकेत है.
निवेशकों के लिए चेतावनी और अवसर
- Emotion से नहीं, नीति से निवेश करें
- Healthcare, Water Management, Long-term Infra सेक्टर में अवसर
- Crude Oil, FMCG में भावनात्मक उतार-चढ़ाव से बचें
FAQs
प्र. सूर्य का कर्क राशि में गोचर कब होता है?
उत्तर: हर वर्ष लगभग 16 जुलाई को सूर्य कर्क राशि में प्रवेश करता है.
प्र. इस गोचर से कौन-कौन से क्षेत्र प्रभावित होते हैं?
उत्तर: FMCG, कृषि, जल-आधारित उद्योग, सरकारी योजनाएं और मानसून-निर्भर व्यापार.
प्र. शास्त्रों में इसका क्या उल्लेख है?
उत्तर: वराहमिहिर, भविष्य पुराण और जातक पारिजात जैसे ग्रंथों में इसे वर्षा असंतुलन, अन्न हानि, और नीतिगत भ्रम से जोड़ा गया है.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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