तिहाड़ जेल में हुई मुलाकात, फिर लॉरेंस बिश्नोई गैंग के नाम पर करने लगे वसूली, बेंगलुरु पुलिस ने 4 आरोपियों को किया गिरफ्तार

खुद को कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के गिरोह का सदस्य बताकर एक व्यवसायी से 1 करोड़ रुपए वसूलने की कोशिश के आरोप में बेंगलुरु पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपी ने व्यवसायी को धमकाते हुए उसके बेटे के अपहरण की चेतावनी दी थी.

पुलिस के अनुसार, पीड़ित ने 9 जुलाई को शिकायत दर्ज कराई थी. उसे कई कॉल आए, जिनमें कहा गया कि कॉल करने वाले बिश्नोई गैंग से हैं और 1 करोड़ रुपए न देने पर उसके बेटे को उठा लिया जाएगा. आरोपियों ने बिश्नोई के पुराने वीडियो दिखाकर और उसकी आवाज की नकल कर पीड़ित को डराने का प्रयास किया.

 48 घंटे में चारों आरोपियों को गिरफ्तार

स्थानीय पुलिस और सेंट्रल क्राइम ब्रांच (CCB) की संयुक्त कार्रवाई में महज 48 घंटे में चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तार किए गए लोगों में बेंगलुरु का मोहम्मद रफीक और उत्तर प्रदेश के तीन युवक, शिशुपाल सिंह, वांश सचदेव और अमित चौधरी शामिल हैं.

लॉरेंस बिश्नोई गैंग से सम्बन्ध नहीं

पुलिस आयुक्त सीमंत कुमार सिंह ने बताया कि आरोपियों का लॉरेंस बिश्नोई या उसके गैंग से कोई वास्तविक संबंध नहीं है. उन्होंने केवल डर फैलाने के लिए बिश्नोई का नाम और अंदाज अपनाया. जांच में खुलासा हुआ है कि इस साजिश का मास्टरमाइंड रफीक था, जो किसी निजी रंजिश के चलते व्यवसायी को सबक सिखाना चाहता था. 

चारों आरोपियों पर जबरन वसूली, आपराधिक धमकी और फर्जी पहचान जैसी धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है, फिलहाल चारों पुलिस हिरासत में हैं और जांच जारी है. पुलिस ने बताया कि बेंगलुरु के मावली निवासी मोहम्मद रफीक के खिलाफ पहले से ही अन्य मामले चल रहे हैं और वो कुछ समय के लिए दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद था. इसी जेल में रफीक अन्य तीनों आरोपियों के सम्पर्क में आया और चारों की दोस्ती हो गई.

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