क्या होते हैं ग्रैंड मुफ्ती? यमन में निमिषा प्रिया के लिए हुए फरिश्ता साबित

यमन में निमिषा प्रिया की फांसी टलवाने में भारतीय ग्रैंड मुफ्ती शेख अबूबकर अहमद ने बड़ी भूमिका अदा की है। ग्रैंड मुफ्ती को कंथापुरम मुसलियार के नाम से भी जाना जाता है। बताया जाता है कि भारत सरकार ने इस मामले में सोमवार को कोशिश की थी, लेकिन बात नहीं पाई। इसके बाद ग्रैंड मुफ्ती निमिषा के लिए फरिश्ता बनकर आगे आए और यमन सरकार से बात करके उसकी फांसी टलवा दी। अब आपको बताते हैं ये ग्रैंड मुफ्ती क्या होते हैं? कैसे दूसरे मुस्लिम देश भी इनकी बातों पर अमल करते हैं? और इनकी नियुक्ति कैसे की जाती है।

भारत के 10वे ग्रैंड मुफ्ती हैं कंथापुरम मुसलियार

भारत में मुस्लिम समाज हर राज्य में बड़ी तादाद में रहते हैं। इनमें भी अलग-अलग मसलक (वर्ग) के मुस्लिम हैं, जैसे शिया, सुन्नी और बोहरा। इन तीनों मसलक में सुन्नी मुस्लिमों की आबादी भारत में सबसे अधिक है। इसी तरह दुनिया के अंदर ज्यादातर देश सुन्नी मसलक को मानने वाले हैं। ग्रैंड मुफ्ती भी सुन्नी मसलक से आते हैं। भारत में सुन्नी मुस्लिम समुदाय भी इन्हें बहुत मानता है। इस समय मुफ्ती शेख अबूबकर अहमद (कंथापुरम मुसलियार) ग्रैंड मुफ्ती हैं। वह इस समय भारत के 10वे ग्रैंड मुफ्ती हैं। इनकी नियुक्ति के लिए मुफ्ती की डिग्री होना जरूरी होता है। इन्हें फतवा देना की शक्ति प्राप्त होती है। यह भारत के अंदर और बाहर किसी भी शख्स या संगठन के खिलाफ फतवा दे सकते हैं।

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ऐसे होती है ग्रैंड मुफ्ती की नियुक्ति

भारत में ग्रैंड मुफ्ती का चयन कई इस्लामिक कमेटियां मिलकर करती हैं। इसके लिए कई देशों के मुस्लिम धर्मगुरुओं को भी बुलाया जाता है। इसके बाद ग्रैंड मुफ्ती का चुनाव किया जाता है। इसमें उन्हीं मुफ्ती उलेमाओं को तवज्जो दी जाती है जो इस्लाम और दीन के लिए खुद को वक्फ कर दिए होते हैं। कमेटियों के सदस्यों की सहमति के बाद ग्रैंड मुफ्ती का चयन किया जाता है। ग्रैंड मुफ्ती शेख अबूबकर अहमद नियुक्ति 24 फरवरी 2019 को की गई थी। उनसे पहले मोहम्मद अख्तर रजा खान कादरी भारत के ग्रैंड मुफ्ती थे। उनका जुलाई 2018 में इंतकाल हो गया था। इसके बाद कई प्रक्रिया से गुजरने के बाद मुफ्ती शेख अबूबकर अहमद यह पद मिला था।

क्या काम करते हैं ग्रैंड मुफ्ती?

भारत के ग्रैंड मुफ्ती का दुनिया का हर मुस्लिम देश सम्मान करता है। उनकी बातों को खास तवज्जों दी जाती है। ग्रैंड मुफ्ती इस्लामी कानून के तहत फतवे भी दे सकते हैं। इन्हें शांति का प्रतीक माना जाता है। भारत के ग्रैंड मुफ्ती ने आतंकवादी संगठन ISIS के खिलाफ भी फतवे जारी कर चुके हैं। वह समय-समय पर दुनियाभर में होने वाली शांति समितियों के बैठक में भाग लेते हैं। ग्रैंड मुफ्ती इटली के पोप और भारत के बड़े हिंदू धर्म गुरुओं से भी शांति सद्भाव को लेकर बैठक करते हैं। इसके अलावा इस्लामी दीन को लेकर भारत समेत दुनियाभर के देशों की यात्रा भी करते हैं। उनका मानना है कि इस्लाम शांति का प्रतीक है। सभी को शांति के साथ अपने धर्म का काम करना चाहिए।

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