TOI की रिपोर्ट के मुताबिक, नोएडा पुलिस को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि लोग मेट्रो, रोडवेज बस, कैब या ऑटो में सफर करते वक्त अपने स्मार्टफोन खो बैठते हैं। अक्सर ये फोन चोरी नहीं बल्कि यूजर की लापरवाही या जल्दबाजी के कारण छूट जाते हैं। इसके बाद जब शिकायतकर्ता पुलिस के पास पहुंचते थे, तो उनकी शिकायत को CEIR पोर्टल पर रजिस्टर किया जाता था, जो IMEI नंबर के बेस पर फोन को ब्लॉक या ट्रेस करने में मदद करता है।
पुलिस का कहना है कि ऐसे अधिकतर डिवाइस सर्विलांस फुटेज और नेटवर्क लोकेशन से ट्रैक किए गए। फिर असली मालिकों की पहचान कर फोन उन्हें लौटाए गए। इस ऑपरेशन के लिए नोएडा पुलिस को कथित तौर पर 25,000 रुपये का इनाम भी मिला है। अधिकारियों का कहना है कि कई बार लोग मान लेते हैं कि फोन खो गया तो मिलना नामुमकिन है, लेकिन CEIR के जरिए अब ट्रैकिंग आसान और असरदार हो गई है।
अगर आपने भी हाल ही में फोन खोया है, तो पुलिस ने सलाह दी है कि तुरंत CEIR पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें और स्थानीय थाने से संपर्क करें।
अगर मेरा फोन नोएडा में खो गया है, तो मुझे क्या करना चाहिए?
तुरंत नजदीकी थाने में रिपोर्ट करें और CEIR पोर्टल (ceir.gov.in) पर IMEI नंबर के साथ शिकायत दर्ज करें।
क्या पुलिस वाकई खोया फोन वापस दिला सकती है?
हां, CEIR ट्रैकिंग और कैमरा सर्विलांस के जरिए फोन को ट्रेस कर असली मालिक को लौटाया जा सकता है।
CEIR पोर्टल क्या है और कैसे काम करता है?
CEIR (Central Equipment Identity Register) IMEI नंबर के आधार पर खोए फोन को ब्लॉक, ट्रैक और रिकवर करने में मदद करता है।
क्या ये सिर्फ चोरी हुए फोन के लिए है या गलती से छूटे फोन के लिए भी?
दोनों ही केस में CEIR काम करता है, चाहे फोन चोरी हो या मेट्रो/बस में छूट गया हो।
क्या CEIR से हर फोन ट्रैक किया जा सकता है?
नहीं, लेकिन अगर फोन ऑन है और नेटवर्क से कनेक्टेड है, तो ट्रैकिंग की संभावना बहुत ज्यादा होती है।
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