Sawan 2025: बरेली में शिव भक्तों का सैलाब! पहले सोमवार पर ‘नाथ नगरी’ में भक्ति का अद्भुत दृश्य

Sawan 2025: नाथ नगरी बरेली में आज सावन के पहले सोमवार पर भगवान शिव की भक्ति का अनूठा दृश्य देखने को मिला. भोर के तीन बजे से ही शहर के प्रमुख नाथ मंदिरों अलखनाथ, बनखंडीनाथ, टिबिरिनाथ, तपेश्वरनाथ, धोपेश्वरनाथ और पशुपतिनाथ में भक्तों की लंबी कतारें लगीं. गंगाजल लेकर कांवड़ पर आए शिवभक्तों ने “बोल बम” और “हर-हर महादेव” के जयघोष से वातावरण को श्रद्धा और भक्तिभाव से सराबोर कर दिया.

अलखनाथ मंदिर में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
शहर के सबसे प्राचीन और प्रमुख मंदिर अलखनाथ में भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. मंदिर प्रबंधन के अनुसार, पूरे दिन लाखों भक्तों के दर्शन होने की संभावना है. महंत कालू गिरी ने बताया कि यह मंदिर तपस्वी साधु-संतों की साधना स्थली रही है, जहां आने वालों की हर मनोकामना पूरी होती है. सावन के पहले सोमवार के अवसर पर मंदिर में जलाभिषेक, भंडारे और विश्राम स्थल की विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं, ताकि कांवड़ियों को सुविधा मिल सके.

धोपेश्वरनाथ मंदिर में सुबह 1:30 बजे से लगी लाइनें
कैंट क्षेत्र के प्रसिद्ध धोपेश्वरनाथ मंदिर में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई. भक्तों की कतारें आधी रात से लगना शुरू हो गई थीं. मंदिर के कपाट 2:30 बजे खोले गए और सबसे पहले कांवड़ियों को जलाभिषेक का अवसर मिला. पंडित देवकी नंदन ने बताया कि भगवान शिव का विधिवत पूजन, अभिषेक और श्रृंगार कर भक्तों को दर्शन कराए जा रहे हैं, जिससे माहौल भक्तिमय बना हुआ है.

सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद
सावन के पहले सोमवार पर उमड़ी भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं. शहर को संवेदनशील क्षेत्र मानते हुए भारी पुलिस बल और वालंटियर तैनात किए गए हैं. हर नाथ मंदिर में पुलिस की निगरानी के साथ CCTV वॉच की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है, ताकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा बनी रहे और आयोजन शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो.

हर जिले से पहुंचे शिवभक्त
बरेली की धार्मिक महत्ता “नाथ नगरी” के रूप में पूरे देश में पहचानी जाती है. सावन के इस पवित्र पर्व पर उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से भक्त बाबा भोलेनाथ के दर्शन और आशीर्वाद के लिए बरेली पहुँचे हैं. श्रद्धालु मानते हैं कि इस पावन नगरी में शिवदर्शन मात्र से ही जीवन सफल और मंगलमय हो जाता है. इस प्रकार बरेली का धार्मिक और सांस्कृतिक वैभव सावन के पहले सोमवार पर एक बार फिर चमक उठा.

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