AI Will get mostly job by 2045 only politicians and two others will stay said expert

AI की जब से चर्चा शुरू हुई है तो सिर्फ एक ही बात हो रही है कि यह मानवों की नौकरियां खा जाएगा। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि इससे नई नौकरियां पैदा हो रही हैं और भविष्य में और होंगी। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि यह धीरे-धीरे इंसानों की नौकरियों पर असर डालेगा और नौकरियों में कमी होने की आशंका है। अब RethinkX के रिसर्च डायरेक्टर एडम डोर ने इस पर बारिकी से साफ जानकारी प्रदान की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि AI और रोबोटिक्स इतनी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं कि 2045 तक अधिकतर इंसानों द्वारा की जाने वाली नौकरियां खत्म हो सकती हैं। मशीनें लगभग हर काम इंसानों से ज्यादा तेजी और किफायती स्तर पर कर लेंगी।

द गार्जियन के साथ एक इंटरव्यू में एडम डोर ने बताया कि AI ज्यादा स्मार्ट होता जा रहा है और कुछ स्तर पर मानव कर्मियों की जगह ले रहा है। उनका कहना है कि इससे यह अगले 20 सालों में वर्तमान में मानव द्वारा किए जाने वाले अधिकतर काम कर पाएगा। हालांकि, अभी भी कुछ कार्य ऐसे होंगे, जिनका AI पर कोई भी असर नहीं होगा। राजनेता, यौनकर्मी और नैतिकतावादी या अधिक भरोसे वाले पेशों में AI से प्रभाव नहीं पड़ने की संभावना है।

डोर ने कहा कि “सोचने वाली मशीनें आ गई हैं और उनके काम करने की क्षमताएं लगातार बढ़ती जा रही है और ये रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। हमारे पास इसके लिए तैयार होने के लिए ज्यादा समय नहीं है।”

डोर ने बताया कि उन्होंने और उनकी रिसर्च टीम ने इतिहास में 1,500 से ज्यादा बड़ी तकनीकी उथल-पुथल का अध्ययन किया है। निष्कर्ष से पता चलता है कि एक बार जब कोई नई टेक्नोलॉजी पैर जमा लेती है तो वह तेजी के साथ आगे बढ़ती है। 15 से 20 सालों के अंदर मौजूदा सिस्टम की जगह ले लेती है। उनका तर्क है कि AI भी उसी राह पर काम कर रहा है, लेकिन इस बार मशीनें मानवों की जगह ले रही हैं।

डोर के अनुसार, सबसे ज्यादा खतरा उन नौकरियों पर है जिनमें सामान्य कार्य होते हैं और सामान्य वर्कफ्लो चलता है, जिनमें दुनिया भर में लाखों कर्मचारी काम करते हैं। जैसे-जैसे AI सिस्टम ज्यादा बेहतर और लागत प्रभावी होता जाएगा। वैसे-वैसे लगभग हर सेक्टर में क्वालिटी, एफिशिएंसी और विश्वसनीयता के मामले में मानव कर्मियों से बेहतर काम करेगा।

कई बदलावों के बाद उनका सुझाव है कि इमोशनल इंटेलीजेंसी (भावनात्मक बुद्धिमत्ता), नैतिक स्तर पर फैसले और विश्वास की जरूरत वाले कुछ कार्य मानव हाथों में ही बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि कुछ क्षेत्रों में मानव कर्मियों की जगह बनी रहेगी। मगर दिक्कत यह है कि 4 अरब लोगों को रोजगार देने के लिए ये रोजगार कहीं से भी पूरे नहीं हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर नए आर्थिक मॉडल नहीं अपनाए गए तो ऑटोमेशन की आने वाली लहर से असमानता पैदा हो सकती है।

डोर की चेतावनी ऐसे समय में आई है जब एक्सपर्ट इस बात पर बहस कर रहे हैं कि AI कितनी तेजी से और कितनी गहराई से नौकरियों में असर डालेगा। एआई का गॉडफादर कहे जाने वाले जेफ्री हिंटन ने भी सामान्य बौद्धिक वाले कर्मियों के भविष्य को लेकर चिंता जाहिर की है और कॉल सेंटर और सामान्य क्लर्क जैसे कार्यों वाले सेक्टर में जल्द ही ऑटोमेशन होने की संभावना है। OpenAI के सीईओ सैम ऑल्टमैन और Meta के चीफ AI साइंटिस्ट यान लेकुन ने तर्क दिया है कि AI लेबर मार्केट को नया रूप देगा, साथ ही यह नए प्रकार के रोजगार के अवसर भी पैदा करेगा। हालांकि, उनका यह भी मानना है कि ये कार्य आज की नौकरियों से बिल्कुल अलग हो सकते हैं।

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