BJP National President : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए ऐसा सेनापति की खोज रहा है, जिसका व्यक्तिगत प्रभुत्व न हो बल्कि वह संगठन आधारित नेतृत्व चाहता हो। नया राष्ट्रीय अध्यक्ष अंदरूनी लोकतंत्र को पुनर्स्थापित करने वाला, मुखर और फीडबैक को स्वीकार करने वाला होना चाहिए। आरएसएस की मंशा है कि किसी युवा नेता के हाथ में भाजपा की कमान सौंपी जाए। जोकि वैचारिक मार्गदर्शक, रणनीतिकार और संगठन से जुड़ा हुआ हो। साथ ही नया राष्ट्रीय अध्यक्ष ऐसा हो जोकि बूथ स्तर पर काम कर चुका हो और शाखा-प्रांत प्रचारक भी रहा हो। साथ ही वैचारिक रूप से हमेशा स्पष्ट हो।
पढ़ें :- पूर्ण विश्वास है आपके ज्ञान, अनुभव व राष्ट्रनिष्ठ दृष्टिकोण से संसद की गरिमा बढ़ेगी…राज्यसभा के लिए नामित हस्तियों को सीएम योगी ने दी बधाई
बता दें कि कई राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा हो चुकी है। हालांकि जनसंख्या के लिहाज से सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश सहित कुछ राज्यों में इसकी घोषणा बाकी है। इस सबके बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने स्पष्ट कर दिया है कि भगवा पार्टी का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कैसा होगा? आपको बता दें कि 2024 के लोकसभा चुनावों में पूर्ण बहुमत से चूकने के बाद BJP एक नए युग में प्रवेश कर चुकी है। सत्ता में तो है पर पहले जैसा अजेय दबदबा नहीं है। अब जब पार्टी गठबंधन सरकार चला रही है, तो RSS का हस्तक्षेप अधिक स्पष्ट और मुखर हो गया है।
इंडिया टुडे ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि RSS प्रमुख मोहन भागवत की हालिया टिप्पणियों को भाजपा के लिए मैसेज के तौर पर देखा जा रहा है। संघ प्रमुख ने सत्ता में बढ़ती अहंकार की भावना और संवादहीनता की आलोचना की तो इसे सीधे तौर पर BJP नेतृत्व के व्यक्तित्व केंद्रित मॉडल पर कटाक्ष माना जाने लगा है।
पार्टी में बढ़ते टेक्नोक्रेट्स और राजनीतिक प्रवासियों की भूमिका पर आरएसएस ने चिंता जताई है। संघ का कहना है कि भाजपा का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष तकनीक नहीं, तपष्या से बना नेता हो। समान नागरिक संहिता (UCC), जनसंख्या नीति, सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और शिक्षा सुधार जैसे मुद्दों पर उसके विचार स्पष्ट हों।
28 प्रदेश अध्यक्ष बदले गए
पढ़ें :- Lucknow News : ठाकुरगंज हृदयविदारक हादसे पर सीएम योगी सख्त, मृतक के परिजनों को पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता, जिम्मेदारों पर कार्रवाई के दिए आदेश
BJP ने अब तक 36 में से 28 राज्यों में नए या फिर से नियुक्त अध्यक्षों की घोषणा कर दी है। बाकी महत्वपूर्ण राज्य जैसे कि उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, हरियाणा और गुजरात की घोषणा बाकी है। इस जमीनी पुनर्गठन से पार्टी एक नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन के लिए मंच तैयार कर रही है। मोहन भागवत का हालिया बयान जिसमें उन्होंने 75 पार कर चुके लोगों के उत्तराधिकार तय करने की आवश्यकता पर बल दिया, ने हलचल मचा दी है।
Read More at hindi.pardaphash.com