16 Somvaar Vrat: सावन में शिव कृपा पाने का सरल मार्ग! जानें व्रत के नियम, फायदे और जरूरी बातें

<p style="text-align: justify;"><strong>16 Somvaar Vrat Niyam:</strong> सावन मास का पवित्र महीना शिव भक्तों के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है. सावन के पहले सोमवार से लेकर आने वाले 16 सोमवार तक यह व्रत किया जाता है. ज्यादातर लोगों को यही लगता है कि सोलह सोमवार का व्रत महिलाएं अच्छे वर पाने के लिए करती है.</p>
<p style="text-align: justify;">लेकिन जिस किसी को भी भगवान शिव से जुड़ना है वो इस व्रत को कर सकता है. आइए समझते हैं सावन में सोमवार का व्रत करते कैसे हैं?</p>
<p style="text-align: justify;">प्रत्येक सोमवार को स्नान आदि करने के बाद भगवान शिव के शिवलिंग स्वरूप का जलाभिषेक करें. इसके बाद सुबह और शाम दोनों समय भगवान शिव की कर्पूर आरती जरूर करें. पूजा और जलाभिषेक करने के बाद कम से कम 3 बार पंचाक्षरी मंत्र का जाप करें. और अंतिम सोमवार को अन्न दान करना चाहिए. ऐसे में इस दौरान जिन भी महिलाओं को मासिक धर्म आता है, उन्हें ये तमाम विधि मानस यानी मन से करनी है.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>सोलह सोमवार व्रत को लेकर विशेष बातें</strong></p>
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<li style="text-align: justify;">सोलह सोमवार व्रत रखने से आपके अंदर पवित्र और धार्मिक ऊर्जा का संचार होता है, जिसे अनगिनत साधकों ने युगों से प्राप्त किया है.&nbsp;</li>
<li style="text-align: justify;">सोलह सोमवार का व्रत सावन मास के पहले सोमवार से शुरू होता है और लगातार 16 सोमवार तक व्रत का पालन किया जाता है.&nbsp;</li>
<li style="text-align: justify;">सोलह सोमवार का व्रत करने से अशांत मन शांत होता है और रिश्तों में सुधार आते हैं.&nbsp;</li>
<li style="text-align: justify;">इस व्रत को नियमपूर्वक और सच्ची श्रद्धा के साथ किया जाए तो शिवजी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं.&nbsp;</li>
</ul>
<p style="text-align: justify;"><strong>सोलह सोमवार व्रत का पालन कैसे करें?&nbsp;</strong></p>
<ul>
<li style="text-align: justify;">सावन मास के प्रत्येक सोमवार को मंदिर जाएं और शिवलिंग पर दूध अर्पण करने के बाद कर्पूर आरती करें.</li>
<li style="text-align: justify;">शिवलिंग के समक्ष खड़े होकर 3 बार पंचाक्षरी मंत्र का जाप करें.</li>
<li style="text-align: justify;">इस दौरान जो भी महिलाएं मासिक धर्म से गुजर रही है, उन्हें मानस पूजा करनी चाहिए.</li>
</ul>
<p style="text-align: justify;"><strong>व्रत संबंधी जरूरी दिशा-निर्देश</strong></p>
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<li style="text-align: justify;">व्रत से एक दिन पहले हल्का और सात्विक भोजन ग्रहण करें. सुनिश्चित करें कि सूर्योदय से पहले ही भोजन कर लें.&nbsp;</li>
<li style="text-align: justify;">व्रत के दिन फल या सात्विक भोजन ही ग्रहण करें.</li>
<li style="text-align: justify;">प्रदोष काल के बाद भगवान शिव के सामने दीपक प्रज्वलित करें. सादा और हल्का भोजन ही करें.</li>
<li style="text-align: justify;">17वां सोमवार यानी व्रत समापन के दिन रुद्राभिषेक या हवन करके किसी मंदिर में जाकर शिवलिंग पर जलाभिषेक करें.</li>
<li style="text-align: justify;">सोमवार का व्रत समर्पण का व्रत होता है. इसके निरंतर प्रयास से आप शिव से खुद को जुड़ा हुआ महसूस करेंगे.&nbsp;</li>
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<p><strong>Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि&nbsp;<span class="skimlinks-unlinked">ABPLive.com</span>&nbsp;किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.</strong></p>

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