
सावन में भोलेनाथ की पूजा करते समय सबसे पहले शिवलिंग के ऊपर चंदन लगाना चाहिए. इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचान शरीर में बढ़ता है. वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है.

दूसरा चंदन का तिलक शिवलिंग के दाईं ओर लगाएं जलाधारी के आगे की तरह लगाना चाहिए. ये गणेश जी का स्थान होता है. इससे जीवन में शुभता का आगमन होता है. आर्थिक स्थिति सुधरती है.

जलाधारी के दूसरी तरफ गणेश जी के विपरीत दिशा में, कार्तिकेय जी का वास माना जाता है. तीसरा चंदन का तिलक यहां लगाएं. संतान प्राप्ति के लिए ये बहुत फलदायी माना गया है.

शिवलिंग से जल बहने के रास्ते पर महादेव की पुत्री अशोक सुंदरी का स्थान होता है, वहां चंदन लगाएं, मान्यता है इससे सुयोग्य जीवनसाथी की प्राप्ति होती है.

चंदन का पांचवा तिलक शिवलिंग की जलाधारी पर लगाया जाता है. जहां से जल प्रवाह होता है. कहते हैं इससे कष्टों का निवारण होता है.

छठा तिलक शिवलिंग के पीछे की ओर लगाना चाहिए. मान्यता है इससे शत्रु का नाश होता है. परिवार में सुख का आगमन होता है.

सातवां तिलक भोलेनाथ के पास बैठे नंदी महाराज के दोनों सिंगो पर लगाया जाता है.
Published at : 13 Jul 2025 04:00 AM (IST)
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