शराब ने भरा दिल्ली सरकार का खजाना! 16.96 करोड़ बोतल बिकीं, 2662 करोड़ से अधिक की कमाई

दिल्ली सरकार के निगमों ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में लगभग 16.96 करोड़ शराब की बोतलें बेचीं, जिससे 2,662 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई हुई. अधिकारियों ने शनिवार (12 जुलाई) को बताया कि यह आंकड़ा पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में बेची गई शराब की बोतलों की संख्या से एक करोड़ से अधिक है. दिल्ली राज्य औद्योगिक अवसंरचना विकास निगम (डीएसआईआईडीसी) ने अप्रैल-जून तिमाही में विभिन्न प्रकार की शराब की सर्वाधिक 5.29 करोड़ बोतलों की बिक्री दर्ज की.

किस निगम ने शराब की कितनी बोतलें बेचीं?

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इसके बाद दिल्ली पर्यटन एवं परिवहन विकास निगम (डीटीटीडीसी) ने पांच करोड़ बोतलें, दिल्ली राज्य नागरिक आपूर्ति निगम (डीएससीएससी) ने 3.65 करोड़ बोतलें और दिल्ली उपभोक्ता सहकारी थोक भंडार (डीसीसीडब्ल्यूएस) ने 2.91 करोड़ बोतलें बेचीं.

700 से अधिक दुकानों का संचालन

वर्तमान आबकारी नीति के तहत, दिल्ली में खुदरा शराब की बिक्री पूरी तरह से सरकार द्वारा अपनी चार एजेंसियों – डीएसआईआईडीसी, डीटीटीडीसी, डीएससीएससी और डीसीसीडब्ल्यूएस के माध्यम से की जाती है. ये एजेंसियां 700 से अधिक दुकानों का संचालन करती हैं.

2024-25 की पहली तिहामी का आंकड़ा क्या था?

पिछले वित्त वर्ष (2024-25) की पहली तिमाही में, चारों निगमों ने 15.93 करोड़ बोतलों की बिक्री दर्ज की, जिससे उन्हें 2,403 करोड़ रुपये की आय हुई थी. अधिकारियों ने बताया कि इस साल समान ‍अवधि में बिक्री से 259 करोड़ रुपये अधिक की कमाई हुई है.

शहर में शराब का व्यापार स्थिर

पहली तिमाही में बेहतर बिक्री से सरकार को 2025-26 में 7,000 करोड़ रुपये के आबकारी कर संग्रह के अपने लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी. यह दर्शाता है कि चुनौतियों के बावजूद, शहर में शराब का व्यापार स्थिर हो रहा है, जो 2022 में दिल्ली में पिछली सरकार द्वारा आबकारी नीति 2021-22 को रद्द करने के कारण बाधित हुआ था.

सरकार तैयार कर रही नई आबकारी नीति

अधिकारियों ने बताया कि सरकार अब राजस्व बढ़ाने और उपभोक्ताओं को बेहतर अनुभव प्रदान करने के उद्देश्य से एक नई आबकारी नीति तैयार कर रही है. अधिकारियों ने बताया कि इससे पारदर्शिता के साथ गुणवत्तापूर्ण शराब की आपूर्ति सुनिश्चित होगी और राजस्व भी बढ़ेगा. उन्होंने बताया कि मुख्य सचिव धर्मेन्द्र कुमार की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति अन्य राज्यों की नीतियों का अध्ययन करके नई नीति का मसौदा तैयार कर रही है.

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