Experts views : ट्रेड डील को लेकर बनी अनिश्चितता के चलते बाज़ार में कंसोलीडेशन जारी रहने की संभावना – experts views consolidation in the market is likely to continue due to uncertainty regarding the trade deal

Market This Week : 11 जुलाई को भारतीय बाजार गिरावट के साथ 25,150 के आसपास बंद हुए थे। कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 689.81 अंक या 0.83 प्रतिशत गिरकर 82,500.47 पर और निफ्टी 205.40 अंक या 0.81 प्रतिशत गिरकर 25,149.85 पर बंद हुआ था। वीकली बेसिस पर देखें तो बाजार में लगातार दूसरे हफ्ते गिरावट रही। इस हफ्ते सेंसेक्स और निफ्टी में 1 फीसदी की गिरावट देखने को मिली। आईटी निफ्टी में सबसे बड़ी गिरावट रही।

एचसीएल, टीसीएस और विप्रो इस हफ्ते के टॉप लूजर्स में शामिल रहे। दूसरी तरफ एफएमसीजी सबसे अधिक बढ़ने वाला इंडेक्स रहा। जबकि आईटी और कैपिटल मार्केट इंडेक्स में सबसे अधिक गिरावट रही। मिडकैप इंडेक्स में बेंचमार्क के मुताबिक ही गिरावट देखने को मिली। जबकि निफ्टी बैंक अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन करता दिखा। वीकली बेसिस पर निफ्टी मिडकैप इंडेक्स 1.6 फीसदी और निफ्टी बैंक 0.5 फीसदी नीचे बंद हुए।

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा कि लगातार बने ग्लोबल ट्रेड तनाव और नतीजों के सीज़न की कमज़ोर शुरुआत के बीच घरेलू इंडेक्सों में लगातार दूसरे हफ़्ते बिकवाली देखने को मिली। भारत-अमेरिकी ट्रेड डील को अंतिम रूप देने में देरी और टैरिफ़ की समय-सीमा बढ़ाने के अमेरिकी फ़ैसले ने शॉर्ट टर्म अनिश्चितताओं को और बढ़ा दिया है। इसके अलावा, कनाडा पर 35 फीसदी टैरिफ़ लगाने के अमेरिकी फ़ैसले ने भी बाज़ार के सेंटीमेंट को और कमज़ोर कर दिया है।

खपत से जुड़े शेयरों जैसे कि एफएमसीजी और डिस्क्रिशनरी शेयरों में चुनिंदा खरीदारी देखने को मिली। बाजार को शहरी मांग में सुधार और मार्जिन में सुधार के संकेतों से सपोर्ट मिला है। महंगाई में कमी, ब्याज दरों में गिरावट और अनुकूल मानसून से भी बाजार को सपोर्ट मिल रहा है।

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के सिद्धार्थ खेमका का कहना है कि जैसे-जैसे नतीजों का मौसम आगे बढ़ेगा बाजार में वोलैटिलिटी बढ़ेगी। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी कहा है कि उनकी योजना ज़्यादातर देशों पर 15 फीसदी या 20 फीसदी टैरिफ़ लगाने की है। ट्रेड डील को लेकर बनी अनिश्चितता के कारण बाज़ारों में कंसोलीडेशन की स्थिति बनी रहने की संभावना है। निवेशक अब सीपीआई और डब्ल्यूपीआई महंगाई के आंकड़ों सहित अहम घरेलू मैक्रो आंकड़ों पर फोकस करेंगे। इसके साथ ही निवेशक पहली तिमाही के नतीजों और भारत-अमेरिका ट्रेड डील पर आने वाले अपडेट पर भी नज़र रखेंगे।

एलकेपी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक रूपक डे का कहना है कि निफ्टी में कमजोरी बनी हुई है क्योंकि इंडेक्स वीकली चार्ट पर पिछले स्विंग लो से नीचे फिसल गया है। इसके अलावा, यह डेली टाइम फ्रेम पर 21 ईएमए से भी नीचे गिर गया है। शॉर्ट टर्म मोमेंटम भी कमज़ोर बना हुआ है, RSI निगेटिव क्रॉसओवर पर है। हालांकि, हालिया गिरावट के बाद निफ्टी 200-घंटे के मूविंग एवरेज के सपोर्ट स्तर के करीब पहुंच गया है।

अगर सोमवार को शुरुआती कारोबारी घंटों में निफ्टी 25,150-25,160 के ऊपर जाने में कामयाब रहता है तो निफ्टी में 25,250 और 25,400 की ओर तेज़ी आ सकती है। नीचे की ओर, 25,090 और 24,900 पर सपोर्ट है।

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