एक हफ्ते में 1 फीसदी से ज्यादा टूटा बाजार, अगले हफ्ते क्या ऐसी ही रहेगी हालत? सामने आई बड़ी डीटेल Stock Market Big Update: ग्लोबल टैरिफ चिंताओं और कमजोर नतीजों की शुरुआत के चलते बाजार में इस सप्ताह 1% से अधिक की गिरावट देखी गई. हालांकि, एफएमसीजी और कंजप्शन सेक्टर में चुनिंदा खरीदारी दिखी. आगे निवेशकों की नजर Q1 रिजल्ट्स, महंगाई आंकड़ों और वैश्विक संकेतों पर रहेगी.

ग्लोबल टैरिफ को लेकर बने तनाव और भारत में Q1FY26 की कमजोर शुरुआत ने इस हफ्ते शेयर बाजार की चाल को प्रभावित किया. सेंसेक्स और निफ्टी दोनों करीब 1% से ज्यादा गिरकर क्रमशः 82,500.47 और 25,149.85 के आसपास बंद हुए. रेलिगेयर ब्रोकिंग के रिसर्च प्रमुख अजीत मिश्रा के मुताबिक, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कनाडा और अन्य साझेदार देशों पर टैरिफ लगाने की धमकी से ग्लोबल ट्रेड सेंटीमेंट कमजोर हुआ. भारत और अमेरिका के बीच संभावित ट्रेड डील की अटकलें भी बाजार को सपोर्ट नहीं दे सकीं क्योंकि किसी ठोस घोषणा की कमी रही.

शुरुआत में स्टेबल था बाजार

सप्ताह की शुरुआत में बाजार स्थिर रहा लेकिन अंतिम दो सेशन में मुनाफावसूली और टीसीएस के कमजोर नतीजों से निवेशकों का भरोसा डगमगाया. TCS जैसी दिग्गज आईटी कंपनी का उम्मीद से कमजोर प्रदर्शन आने वाले आय अनुमानों पर भी असर डाल सकता है. जहां बाजार के अधिकांश हिस्से में गिरावट रही, वहीं कुछ एफएमसीजी और डिस्क्रीशनल सेक्टर के स्टॉक्स में शहरी मांग और मार्जिन सुधार की वजह से चुनिंदा खरीदारी देखने को मिली. महंगाई में कमी, ब्याज दरों में नरमी और मानसून के अनुकूल रहने से इस सेक्टर को सपोर्ट मिल रहा है.

Q1 रिजल्ट्स और महंगाई डेटा पर टिकी नजरें

Geojit Investments के रिसर्च प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि प्रीमियम वैल्यूएशन और टॉप आईटी कंपनी के निराशाजनक नतीजों के चलते FY26 के आय अनुमानों पर दबाव है. अब निवेशकों की नजर Q1FY26 के बाकी रिजल्ट्स पर है. इस हफ्ते HCL Tech, Tech Mahindra, Axis Bank, ICICI Bank, JSW Steel, L&T Finance और HDFC Bank जैसे बड़े नामों के नतीजे आने हैं.

महंगाई और ग्लोबल संकेत देंगे दिशा

14 जुलाई को WPI और CPI के आंकड़े जारी होंगे, जो आगे की नीति और ब्याज दरों की दिशा को तय कर सकते हैं. इसके साथ ही, एफआईआई निवेश, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और अमेरिकी आर्थिक आंकड़े भी बाजार की चाल तय करेंगे. हालिया गिरावट के बाद बाजार अब एक कंसोलिडेशन फेज में प्रवेश कर सकता है, जहां उतार-चढ़ाव बना रहेगा. ट्रेडर्स को सलाह दी गई है कि वे स्टॉक-स्पेसिफिक अप्रोच अपनाएं और व्यापक बाजार की अस्थिरता से सतर्क रहें.

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