छांगुर बाबा के खिलाफ प्रयागराज में साधु-संतो का फूटा गुस्सा, कथावाचक आचार्य प्रवर देवव्रत ने की बड़ी मांग

अवैध धर्मांतरण व वह लव जिहाद को लेकर सुर्खियों में आए जलालुद्दीन उर्फ छांगुर को लेकर अब साधु-संतों में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में युवा कथावाचक आचार्य प्रवर देवव्रत जी महाराज ने इस पूरे घटनाक्रम पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होने कहा कि, “सनातन धर्म को बदनाम करने और उसके अस्तित्व पर हमला करने वालों को बख्शा नहीं जाना चाहिए. ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि कोई भी विधर्मी भविष्य में ऐसी हिमाकत न कर सके.”

आचार्य देवव्रत ने आगे कहा कि यदि शासन-प्रशासन ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई नहीं कर पा रहा है, तो धर्माचार्यों और संत समाज को कानूनन खुली छूट दी जानी चाहिए ताकि वे स्वयं ऐसे असामाजिक तत्वों को सबक सिखा सकें. उन्होंने जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के नाम पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि “एक मुस्लिम व्यक्ति ने छांगुर बाबा जैसा सनातनी नाम रखकर सनातन धर्म को बदनाम करने की साज़िश रची. यह सिर्फ धार्मिक धोखा नहीं, बल्कि गहरी साजिश है.”

‘देश और धर्म से गद्दारी करने वालों को सबक सिखाना जरूरी’
कथावाचक ने योगी सरकार की ओर से मामले में हुई कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि सरकार को और अधिक कठोर रुख अपनाना चाहिए ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं दोबारा न हों. हालांकि आचार्य प्रवर का बयान उस समय चर्चा में आ गया जब उन्होंने देशद्रोहियों को सार्वजनिक रूप से सज़ा देने की बात कही. उन्होंने कहा कि, “भारत में रहकर, भारत का नमक खाकर देश और धर्म से गद्दारी करने वालों को सबक सिखाना जरूरी है. ऐसे लोगों की जीभ, हाथ और गर्दन चौराहों पर काटकर ये दिखाना चाहिए कि सनातन धर्म से धोखा करने की कीमत क्या होती है.”

(प्रयागराज से सौरभ मिश्रा की रिपोर्ट)

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