एक समय था जब बिहार का नाम आते ही लोगों के मन में सिर्फ सरकारी नौकरी की तैयारी करते युवाओं की तस्वीर उभरती थी. लेकिन अब बिहार बदल रहा है, और ऐसी रफ्तार से बदल रहा है कि मुंबई और गुजरात जैसे पारंपरिक निवेशक राज्य भी हैरान हैं. अब बिहार के युवा सिर्फ नौकरी नहीं ढूंढ रहे, बल्कि देश की बड़ी-बड़ी कंपनियों में हिस्सेदारी खरीद रहे हैं, म्यूचुअल फंड में पैसा लगा रहे हैं.
पिछले 5 सालों में भारतीय शेयर बाजार में आई निवेश की ‘महा-क्रांति’ का सबसे बड़ा चेहरा बनकर बिहार उभरा है. जो आंकड़े सामने आए हैं, वे चौंकाने वाले हैं.
बिहार ने तोड़ा रिकॉर्ड! 68 गुना की छलांग
आंकड़े झूठ नहीं बोलते, और बिहार के आंकड़े तो एक नई कहानी कह रहे हैं. जरा इस टेबल पर नजर डालिए और देखिए कि कैसे बिहार ने ग्रोथ के मामले में सभी को पीछे छोड़ दिया:
(Source: Market Data)
साफ है, जहां महाराष्ट्र आज भी सबसे ज्यादा निवेशकों के साथ टॉप पर है, वहीं ग्रोथ की रफ्तार के मामले में बिहार ‘बुलेट ट्रेन’ की स्पीड से भागा है. वित्त वर्ष 2020 में जहां बिहार में सिर्फ 7 लाख निवेशक थे, वहीं FY25 तक यह संख्या 68 गुना बढ़कर 52 लाख पर पहुंच गई है. यह अभूतपूर्व है!
इस उछाल के पीछे की 3 बड़ी वजहें
आखिर ऐसा क्या हुआ कि बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे राज्य अचानक निवेश के हॉटस्पॉट बन गए? इसके पीछे तीन बड़े कारण हैं:
1. आपकी हथेली में बाजार (डिजिटल क्रांति):
पहले शेयर बाजार में निवेश करना एक जटिल प्रक्रिया थी, जिसके लिए बड़े शहरों में ब्रोकर के दफ्तर के चक्कर काटने पड़ते थे. लेकिन अब Zerodha, Groww, Upstox जैसे मोबाइल ऐप्स ने इसे ‘बच्चों का खेल’ बना दिया है. KYC से लेकर पैसा लगाने तक, सब कुछ 5 मिनट में मोबाइल पर हो जाता है. इसी डिजिटल क्रांति ने शेयर बाजार को पटना से लेकर पूर्णिया और लखनऊ से लेकर गोरखपुर के गांवों तक पहुंचा दिया है.
2. भरोसे की वापसी और बढ़ती जागरूकता:
पहले शेयर बाजार को ‘सट्टा’ माना जाता था, लेकिन अब तस्वीर बदली है. युवा पीढ़ी अब इसे वेल्थ क्रिएशन यानी संपत्ति बनाने का एक गंभीर और शक्तिशाली जरिया मान रही है. सोशल मीडिया, यूट्यूब और फाइनेंशियल इन्फ्लुएंसर्स ने जागरूकता बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है. लोगों को समझ आ गया है कि लंबी अवधि में इक्विटी से बेहतर रिटर्न कहीं नहीं है.
3. सिर्फ शेयर नहीं, म्यूचुअल फंड का भी क्रेज:
बिहार के निवेशक सिर्फ सीधे शेयरों में ही नहीं, बल्कि म्यूचुअल फंड के जरिए भी बाजार में आ रहे हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार से म्यूचुअल फंड में होने वाले निवेश का 89% हिस्सा इक्विटी स्कीम्स में जा रहा है. यह दिखाता है कि लोग अब SIP (Systematic Investment Plan) जैसे सुरक्षित और अनुशासित तरीकों को अपनाकर लंबी अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं.
दूसरे राज्यों में भी बढ़े निवेशक
यह ट्रेंड सिर्फ बिहार तक सीमित नहीं है. उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे हिंदी भाषी राज्यों ने भी क्रमशः 47 गुना और 46 गुना की शानदार ग्रोथ दिखाई है. छोटे शहरों और गांवों के युवा अब सिर्फ नौकरी पाने वाले (Job Seekers) नहीं, बल्कि नौकरी देने वाले (Job Creators) बनने का सपना देख रहे हैं. वे देश की ग्रोथ की कहानी का हिस्सा बनना चाहते हैं, और शेयर बाजार उन्हें ये मौका दे रहा है.
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