शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ ने शुक्रवार (11 जुलाई) को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के नेता इम्तियाज जलील को धमकी देते हुए कहा कि वह उनकी बुरी तरह पिटाई करेंगे. इसके पहले गायकवाड़ ने ‘एमएलए हॉस्टल’ की कैंटीन के एक कर्मचारी पर हमला करके विवाद खड़ा कर दिया था. जलील ने कैंटीन कर्मचारी पर हमला करने के लिए गायकवाड़ की आलोचना की थी जिसके बाद शिवसेना विधायक का बयान आया.
जलील ने भी गायकवाड़ पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्होंने शिवसेना विधायक की चुनौती स्वीकार कर ली है और वह आमना-सामना करने की जगह और समय बताएं. बुलढाणा विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले गायकवाड़, ‘बासी भोजन’ परोसने पर कैंटीन कर्मचारी को थप्पड़ और घूंसे मारने को लेकर विवाद में हैं.
गायकवाड़ ने कैंटीन कर्मचारी को मारा था थप्पड़
विधायक ने मंगलवार रात दक्षिण मुंबई स्थित आकाशवाणी एमएलए हॉस्टल की कैंटीन से रात का खाना मंगाया था. विधायक ने पाया कि उनके कमरे में जो दाल-चावल पहुंचाया गया है वह बासी और बदबूदार है. इससे नाराज होकर वह कैंटीन में घुसे और मैनेजर से भिड़ गए. इसके बाद उन्होंने एक कैंटीन कर्मचारी को दाल का एक पैकेट सूंघने के लिए मजबूर किया और फिर उसे थप्पड़ और घूंसे मारे. इस घटना का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसकी विपक्ष और सरकार दोनों ने व्यापक निंदा की है.
गायकवाड़ ने इम्तियाज जलील को दी धमकी
एआईएमआईएम के पूर्व सांसद जलील ने गायकवाड़ की आलोचना करते हुए कहा, ”एक गरीब व्यक्ति की इस तरह पिटाई करना ठीक नहीं है. जलील की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर गायकवाड़ ने कहा, ‘‘अगर ऐसा है, तो जलील भाई, आपको उस होटल (विधायक छात्रावास की कैंटीन) का ठेका लेना चाहिए और फिर उस तरह का खाना खिलाना चाहिए. मैंने उस आदमी (कैंटीन कर्मचारी) को दो घूंसे मारे. लेकिन इम्तियाज जलील को मैं इतनी बुरी तरह पीटूंगा कि वह होटल चलाने लायक भी नहीं बचेगा.’’
‘गायकवाड़ थोड़े पढ़े-लिखे होते तो अध्यक्ष को पत्र लिखते’
गायकवाड़ की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए छत्रपति संभाजीनगर से एआईएमआईएम के पूर्व सांसद ने कहा, ‘‘मैं होटल चलाने के मूड में नहीं हूं. लेकिन अगर कोई गरीब आदमी वेटर का काम कर रहा है और सत्ताधारी पार्टी का कोई विधायक उसे सिर्फ इसलिए पीट रहा है कि उसे सही तरह का खाना नहीं मिला. क्या उन्हें नहीं पता कि नियम विधानसभा में बनते हैं? अगर गायकवाड़ थोड़े पढ़े-लिखे होते, तो वह भोजन के मुद्दे पर विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखते.’’
गायकवाड़ का लड़ाई का इतिहास रहा- जलील
जलील ने कहा, ‘‘अगर अध्यक्ष उनकी बात को गंभीरता से लेते, तो वे उनकी मांग पर अमल करते. गायकवाड़ का लड़ाई का इतिहास रहा है. अगर वह मुझे धमकी दे रहे हैं, तो मुझे समय और जगह बताएं. उन्हें प्रयास करने की जरूरत नहीं है, मैं उस जगह पहुंच जाऊंगा. मेरा संजय गायकवाड़ से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन अगर आप गलत कर रहे हैं तो मैं उस गरीब व्यक्ति के साथ खड़ा रहूंगा.’’
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