सूर्य को अर्घ्य देने की दिव्य क्रिया बदल देगी जीवन! जानें फायदे और ग्रह दोष से मुक्ति के बारे में!

हिंदू धर्म में सूर्य को अर्घ्य देना एक दिव्य कर्म माना गया है. ये धार्मिक क्रिया के साथ-साथ आत्मशुद्धि और ऊर्जावान जीवन का भी प्रतीक है.

हिंदू धर्म में सूर्य को अर्घ्य देना एक दिव्य कर्म माना गया है. ये धार्मिक क्रिया के साथ-साथ आत्मशुद्धि और ऊर्जावान जीवन का भी प्रतीक है.

जो व्यक्ति प्रतिदिन एक लोटा जल लेकर उसमें लाल फूल, अक्षत, रोली डालकर भगवान सूर्य को अर्पित करता है, तो उसका शरीर को ऊर्जावान बनता है. इसके साथ ही ऐसा करने से मन और आत्मा जागृत होती है.

जो व्यक्ति प्रतिदिन एक लोटा जल लेकर उसमें लाल फूल, अक्षत, रोली डालकर भगवान सूर्य को अर्पित करता है, तो उसका शरीर को ऊर्जावान बनता है. इसके साथ ही ऐसा करने से मन और आत्मा जागृत होती है.

सूर्य को अर्घ्य देने से आत्मबल और विश्वास में वृद्धि होती है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक सूर्य आत्मा का प्रतिनिधित्व करता है. जब हम सूर्य को जल अर्पित करते हैं तो हमारी ऊर्जा जागृत होती है, जो हमें पूरा दिन ऊर्जावान रखती है. इसके साथ ही जल अर्पित करने से नकारात्मक और मानसिक थकान दूर होने लगती है.

सूर्य को अर्घ्य देने से आत्मबल और विश्वास में वृद्धि होती है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक सूर्य आत्मा का प्रतिनिधित्व करता है. जब हम सूर्य को जल अर्पित करते हैं तो हमारी ऊर्जा जागृत होती है, जो हमें पूरा दिन ऊर्जावान रखती है. इसके साथ ही जल अर्पित करने से नकारात्मक और मानसिक थकान दूर होने लगती है.

सूर्य को जल अर्पित करना विशेष रूप से आंखों के लिए लाभकारी माना जाता है. विज्ञान के अनुसार जब हम सूर्य की किरणों को अर्घ्य जल के सहारे देखते हैं तो इससे आंखों की रोशनी बढ़ती है और मन प्रसन्न रहता है.

सूर्य को जल अर्पित करना विशेष रूप से आंखों के लिए लाभकारी माना जाता है. विज्ञान के अनुसार जब हम सूर्य की किरणों को अर्घ्य जल के सहारे देखते हैं तो इससे आंखों की रोशनी बढ़ती है और मन प्रसन्न रहता है.

सुबह उठकर सूर्य को जल अर्पित करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है. इसके साथ ही सूर्य की किरणें विटामिन डी का मुख्य स्रोत होता है, जो हमारी हड्डियों को मजबूत करता है.

सुबह उठकर सूर्य को जल अर्पित करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है. इसके साथ ही सूर्य की किरणें विटामिन डी का मुख्य स्रोत होता है, जो हमारी हड्डियों को मजबूत करता है.

सूर्य को अर्घ्य देने से ग्रह दोष भी शांत होते हैं. जिन लोगों की कुंडली में सूर्य नीच का हो और पितृ दोष हो तो उसे रोजाना सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए. ऐसा करने से ग्रह दोषों से छुटकारा मिलता है.

सूर्य को अर्घ्य देने से ग्रह दोष भी शांत होते हैं. जिन लोगों की कुंडली में सूर्य नीच का हो और पितृ दोष हो तो उसे रोजाना सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए. ऐसा करने से ग्रह दोषों से छुटकारा मिलता है.

Published at : 11 Jul 2025 05:15 AM (IST)

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