LIC Share Price: देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी एलआईसी में सरकार अपनी हिस्सेदारी और हल्की करने वाली है। ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए शेयरों को बेचने की मंजूरी मिल गई है। सीएनबीसी-टीवी18 को यह जानकारी सरकारी सूत्रों के हवाले से मिली है। करीब तीन साल पहले इसके शेयरों की घरेलू मार्केट में एंट्री हुई थी और इसका आईपीओ पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल का था। अब फिर सरकार इसमें अपनी हिस्सेदारी और हल्की करने वाली है। इसका आज शेयरों की चाल पर असर दिख सकता है। एक कारोबारी दिन पहले बुधवार 09 जुलाई को बीएसई पर यह 0.07% की मामूली गिरावट के साथ ₹945.85 पर बंद हुआ था।
LIC में अभी कितनी है सरकार की हिस्सेदारी?
मार्च 2025 के शेयरहोल्डिंग पैटर्न के मुताबिक एलआईसी में सरकार की हिस्सेदारी 96.5% है। इसके आईपीओ के तहत सरकार ने सिर्फ 3.5% हिस्सेदारी ही हल्की की थी और अब भी एक बड़ी हिस्सेदारी सरकार के ही पास है। इसके चलते एलआईसी के शेयरों का फ्री फ्लोट काफी कम बना हुआ है। सरकार ने आईपीओ के जरिए 3.5% हिस्सेदारी हल्की की थी और इसमें से 1.13% हिस्सेदारी म्युचुअल फंड्स के पास है तो 23 लाख से अधिक रिटेल शेयरहोल्डर्स यानी ₹2 लाख तक के निवेश वाले शेयरहोल्डर्स की हिस्सेदारी 1.76% है।
क्या है SEBI का नियम?
सरकार को अपनी हिस्सेदारी हल्की इसलिए भी करनी जरूरी है क्योंकि बाजार नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के नियमों के मुताबिक लिस्टेड कंपनी में कम से कम 25% पब्लिक शेयरहोल्डिंग होनी चाहिए। सरकार के पास अधिकतम 75% शेयरहोल्डिंग से 21.5% होल्डिंग अधिक है जिसकी मौजूदा वैल्यू करीब ₹1.28 लाख करोड़ है। इसका मतलब है कि मौजूदा भाव के हिसाब से हर 1% हिस्सेदारी की बिक्री पर सरकार को ₹6 हजार करोड़ मिलेंगे। पिछले साल सेबी ने एलआईसी को को 2027 तक 10% पब्लिक शेयरहोल्डिंग हासिल करने की मंजूरी दी थी।
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