telangana mancherial sccl workers on strike on july 9 over bharat bandh opposes policies of union government

तेलंगाना के मंचेरियल जिले में सिंगारेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (SCCL) के श्रमिकों ने बुधवार (9 जुलाई, 2025) को केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में राष्ट्रव्यापी हड़ताल में हिस्सा लिया. 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच की ओर से बुलाए गए इस ‘भारत बंद’ में सिंगारेनी के हजारों कर्मचारियों ने भाग लिया, जिससे कोयला खनन कार्य प्रभावित हुआ. इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल में 25 करोड़ से अधिक श्रमिकों के शामिल होने का दावा किया गया है, जिसमें कोयला उद्योग के साथ-साथ बैंकिंग, डाक, परिवहन और अन्य क्षेत्र के श्रमिक भी शामिल हैं.

श्रमिक संगठनों ने सरकार के सामने रखी 17 सूत्री मांगों की फेहरिस्त

इस हड़ताल के दौरान श्रमिक संगठनों ने 17 सूत्री मांगों को सामने रखा है, जिनमें चार श्रम संहिताओं (लेबर कोड) को रद्द करना, निजीकरण पर रोक, न्यूनतम वेतन 26,000 रुपये मासिक, पुरानी पेंशन योजना की बहाली और समान कार्य के लिए समान वेतन शामिल हैं. सिंगारेनी वर्कर्स यूनियन के नेताओं ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की नीतियां मजदूर-विरोधी और कॉर्पोरेट-समर्थक हैं, जिससे श्रमिकों के अधिकारों का हनन हो रहा है.

श्रमिकों ने रखी मांगें, प्रबंधन ने लागू करने में जताई असमर्थता

हड़ताल के दौरान मैनचेरियल में सिंगारेनी की कोयला खदानों में उत्पादन और डिस्पैच कार्य लगभग ठप रहा. यूनियन नेताओं ने कहा कि यह हड़ताल सरकार को मजदूरों की एकता का संदेश देगी. हिंद मजदूर सभा के हरभजन सिंह सिद्धू ने कहा कि यह आंदोलन न केवल कोयला उद्योग नहीं, बल्कि देशभर की सार्वजनिक सेवाओं को प्रभावित करेगा.

वहीं, हाल ही में हुई सिंगारेनी प्रबंधन और यूनियनों के बीच वार्ता भी बेनतीजा रही. श्रमिकों ने हाई पावर कमेटी की सिफारिशों के अनुसार वेतन वृद्धि और CMPF सुविधाओं की मांग की, लेकिन प्रबंधन ने कोयले की आपूर्ति में कमी का हवाला देते हुए इसे लागू करने में असमर्थता जताई.

श्रमिक यूनियनों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी

इस बीच, सिंगारेनी ने लैंगिक समावेशिता को बढ़ावा देने के लिए दो खदानों को विशेष रूप से महिला कर्मचारियों के लिए आवंटित करने की योजना बनाई है, जो खनन क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम है. यह हड़ताल मैनचेरियल के स्थानीय समुदाय और अर्थव्यवस्था पर भी असर डाल रही है. यूनियनों ने चेतावनी दी है कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं, तो अनिश्चितकालीन हड़ताल की जा सकती है.

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