Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में सेब के बगीचों में रहस्यमय रोग फैल गया है. सेब के सीजन के शुरुआती दौर में इस तरह की बीमारी फैलने से बागवान चिंता में हैं. अल्टरनेरिया कहे जाने वाले इस रोग ने शिमला जिला के रोहड़ू, जुब्बल और कोटखाई में बड़े पैमाने पर बगीचों को अपनी चपेट में ले लिया है. यह रोग लगातार फैलता जा रहा है.
बागवान इसे अल्टरनेरिया रोग होने का दावा कर रहे हैं, जबकि प्रदेश सरकार ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए रहस्यमयी रोग का पता लगाने के लिए वैज्ञानिक जांच के निर्देश दे दिए हैं. डॉ. वाई.एस. परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी, जिला सोलन के विश्वविद्यालय की विशेषज्ञ टीमों को अविलंब प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं.
क्या है ये रोग?
यह रोग सेब के पौधों के पत्तों से संबंधित है. इस रोग के कारण सेब के पौधे के पत्ते पीले होकर गिर जाते हैं. इस कारण सेब के फल को पर्याप्त खुराक नहीं मिलती जिस कारण सेब का साइज नहीं बढ़ता है और वह भी सिकुड़ जाता है. इस रोग को लेकर मंगलवार को सेब उत्पादकों के एक प्रतिनिधिमंडल शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से भी मिला हैं. जिसको देखते हुए मुख्यमंत्री ने बीमारी की वैज्ञानिक जांच तथा नियंत्रण के लिए शीघ्र कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं.
जल्द ठोस कदम उठाए सरकार- बीजेपी
बीजेपी प्रवक्ता जो खुद सेब बागवान हैं चेतन बरागटा ने बताया कि कोटखाई क्षेत्र में ये रोग फैलता जा रहा है. सरकार इसको गंभीरता से ले और रोग की रोकथाम के लिए जल्द कार्य करे. क्योंकि सेब की आर्थिकी हिमाचल के लिए 5 हज़ार करोड़ का योगदान देती है. हजारों बागवानों की आय का साधन सेब है. ऐसे में जल्द इस रोग को खत्म करने के लिए सरकार को कदम उठाने चाहिए.
हालांकि बागवानी मंत्री जगत नेगी ने कहा कि सेब के इस रोग से घबराने की जरूरत नहीं है, ऐसे फंगल रोग सेब के पौधों में लगते रहते हैं. कुछ क्षेत्रों में ये रोग हो सकता है. जिसको वैज्ञानिक देखेंगे, क्योंकि आजकल कई तरह की तकनीक है जिससे रोगों से लड़ा जा सकता हैं.
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