<p style="text-align: justify;">क्या आप जानते हैं कि आपकी आंखें आपकी सेहत के बारे में कितनी कुछ बता सकती हैं? यह सिर्फ आंखों की बीमारियों से कहीं बढ़कर है. दरअसल, आपके ऑप्टोमेट्रिस्ट आपकी आंखों की जांच करके कुछ बहुत ही गंभीर बीमारियां भी पकड़ सकते हैं. इनमें डायबिटीज और कुछ तरह के कैंसर तक शामिल हैं. आंखों में इन बीमारियों के लक्षण समझकर, उन्हें जल्दी पहचाना जा सकता है और समय पर इलाज शुरू किया जा सकता है, जिससे आप अपनी सेहत पर पड़ने वाले बुरे असर को कम कर सकें.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>आंखें हैं सेहत का आईना</strong></p>
<p style="text-align: justify;">कहते हैं आंखें आत्मा की खिड़की होती हैं, लेकिन सच तो यह है कि वे आपकी सेहत का भी आईना होती हैं. भले ही आप खुद अपनी आंखों में सेहत से जुड़े बदलावों को न देख पाएं, लेकिन आपके आंखों के डॉक्टर उन्हें ज़रूर पहचान सकते हैं. आंखों से जुड़ी समस्याओं को देखने के अलावा, आंखों की पूरी जांच कई बीमारियों के संकेत भी दिखा सकती है. इनमें दिमाग के ट्यूमर और कुछ दूसरे तरह के कैंसर, साथ ही डायबिटीज भी शामिल हैं. इसलिए, अपनी आंखों की जांच हर दो साल में, या हो सके तो हर साल ज़रूर करवाएं, ताकि बीमारियों के लक्षण छूट न जाएं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>आंखों की जांच से डायबिटीज का पता कैसे चलता है?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">डायबिटीज के लक्षणों में से एक है डायबिटिक रेटिनोपैथी. यह डायबिटीज से जुड़ी एक समस्या है जो आंखों को प्रभावित करती है. यह आंख के पिछले हिस्से में मौजूद रेटिना की खून की नसों को नुकसान पहुंचने के कारण होती है. इससे देखने में दिक्कत हो सकती है और अगर इसका इलाज न किया जाए, तो अंधापन भी हो सकता है. यह समस्या टाइप 1 या टाइप 2 डायबिटीज, दोनों में हो सकती है. खून में शुगर का स्तर ठीक से कंट्रोल न होने पर और समय के साथ इसके होने की संभावना बढ़ जाती है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>डायबिटिक रेटिनोपैथी के लक्षण:</strong> शुरुआती स्टेज में डायबिटिक रेटिनोपैथी के कोई खास लक्षण दिखते नहीं हैं. लेकिन, जैसे-जैसे यह बढ़ती है, तो कुछ निशान दिखने लगते हैं, जैसे:</p>
<ul>
<li style="text-align: justify;">देखने में काले धब्बे या धागे दिखना.</li>
<li style="text-align: justify;">धुंधला या बदलता हुआ दिखना.</li>
<li style="text-align: justify;">देखने में काले या खाली हिस्से दिखना.</li>
<li style="text-align: justify;">नज़र कम होना.</li>
</ul>
<p style="text-align: justify;"><strong>पहचान और जांच:</strong> आपके आंखों के डॉक्टर नियमित आंखों की जांच के दौरान, जिसमें पुतलियों को फैलाना भी शामिल है, इसका पता लगा सकते हैं. अगर आपको डायबिटीज है, तो आपका ऑप्टोमेट्रिस्ट हर चेक-अप में इसे ज़रूर देखेगा. आंखों की पूरी जांच के ज़रिए, डॉक्टर रेटिना की सेहत का अंदाज़ा लगा सकते हैं, डायबिटिक रेटिनोपैथी के संकेतों को पहचान सकते हैं और नज़र के स्थायी नुकसान को रोकने के लिए जल्दी इलाज कर सकते हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>आंखों की सेहत और कैंसर का संबंध</strong></p>
<p style="text-align: justify;">आपके आंखों के डॉक्टर एक सामान्य जांच में आंखों से जुड़े कैंसर के लक्षणों को पहचान सकते हैं. यह ओकुलर मेलानोमा (एक प्रकार का आंखों का कैंसर) या आंखों से संबंधित दूसरे कैंसर हो सकते हैं. इसके अलावा, वे दिमाग के ट्यूमर के लक्षणों को भी पहचान सकते हैं, यहां तक कि आपके नियमित डॉक्टर से भी पहले. दिमाग के ट्यूमर से दिमाग में दबाव बढ़ सकता है, जिससे ऑप्टिक नर्व में बदलाव या नुकसान हो सकता है. ऑप्टोमेट्रिस्ट आँखों में इन बदलावों को पहचानने के लिए प्रशिक्षित होते हैं, जो दिमाग के ट्यूमर का संकेत हो सकते हैं. वे एन्यूरिज्म (खून की नसों में सूजन) और दूसरी समस्याओं का भी पता लगा सकते हैं, जो आंखों को प्रभावित करती हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>कैंसर से जुड़े आंखों के लक्षण:</strong> आपकी आंखों में कुछ बदलाव दिख सकते हैं, जो कैंसर का संकेत हो सकते हैं. इनमें शामिल हैं:</p>
<ul>
<li style="text-align: justify;">आंखों में गहरे धब्बे, उभार, या असामान्य खून की नसें दिखना. ये ओकुलर मेलानोमा के लक्षण हो सकते हैं.</li>
<li style="text-align: justify;">आंखों के अंदर असामान्य वृद्धि या घाव होना. ये इंट्राओकुलर कैंसर (आंख के अंदर का कैंसर) का संकेत हो सकते हैं.</li>
<li style="text-align: justify;">अगर आपके ऑप्टोमेट्रिस्ट को इनमें से कुछ भी दिखता है और उन्हें कैंसर का शक होता है, तो वे शायद आपको आगे की जांच के लिए किसी दूसरे विशेषज्ञ के पास भेजेंगे.</li>
</ul>
<p style="text-align: justify;"><strong>दूसरी बीमारियों के भी मिल सकते हैं संकेत</strong></p>
<p style="text-align: justify;">डायबिटीज और कैंसर के अलावा, ऑप्टोमेट्रिस्ट दूसरे स्वास्थ्य समस्याओं के संकेत भी पहचान सकते हैं. इनमें हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल, मल्टीपल स्क्लेरोसिस, ल्यूपस और रुमेटॉयड आर्थराइटिस जैसी बीमारियां शामिल हैं. इनमें से ज़्यादातर बीमारियां रेटिना की खून की नसों में अनियमितताओं के ज़रिए पहचानी जा सकती हैं. आप खुद इन बदलावों को शायद न देख पाएं, लेकिन आपका आंखों का डॉक्टर आंखों की जांच के दौरान उन्हें देख सकता है. ये जांचें न केवल आपकी नज़र को बचाने के लिए बेहद ज़रूरी हैं, बल्कि सेहत से जुड़ी संभावित समस्याओं का पता लगाने के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>जल्दी पहचान क्यों जरूरी है?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">ओकुलर मेलानोमा और दूसरे इंट्राओकुलर कैंसर का जल्दी पता चलना सही इलाज शुरू करने और ठीक होने की संभावना को बढ़ाने के लिए बहुत ज़रूरी है. आंखों में इन बीमारियों के संकेतों को पहचानकर, डॉक्टर मरीजों को तुरंत आगे की जांच और सही इलाज के लिए भेज सकते हैं. इसीलिए, हर छह महीने या साल में एक बार डॉक्टर के पास जाना आपकी सेहत को सुरक्षित रखने की दिशा में एक अहम कदम है.</p>
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<p style="text-align: justify;"><strong>Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.</strong></p>
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