Former BJP MLA Raja Singh give opinion on Udaipur Files story of Kanhaiya Lal murder case ann | जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने ‘उदयपुर फाइल्स’ के खिलाफ कोर्ट में दायर की याचिका तो भड़क गए टी राजा सिंह, बोले

‘उदयपुर फाइल्स’ एक सच्ची घटना पर आधारित है और यह कन्हैया लाल की हत्या करने वाले जिहादियों को बेनकाब करती है. भाजपा के पूर्व विधायक राजा सिंह ने इस फिल्म पर अपनी राय रखी है. उन्होंने आरोप लगाया कि जिहादी समूह फिल्म की रिलीज के खिलाफ याचिकाएं दायर कर रहे हैं, ताकि उनका पर्दाफाश न हो सके. 

राजा सिंह ने यह भी दावा किया कि सेंसर बोर्ड की मंजूरी के बाद, जिहादी समूहों के पास फिल्म रोकने का कोई हक नहीं है. उन्होंने कहा, ‘देश में ‘भगवा शासन’ है, इसलिए किसी के पास इस फिल्म की रिलीज रोकने की हिम्मत नहीं है.’

इस तारीख को रिलीज होगी फिल्म

कन्हैया लाल की हत्या पर आधारित ‘उदयपुर फाइल्स’ फिल्म 11 जुलाई 2025 को रिलीज हो रही है, लेकिन जमीयत उलमा-ए-हिंद ने इसे साम्प्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने वाला बताते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की हैं. जमीयत उलमा-ए-हिंद का कहना है कि फिल्म मुस्लिम समुदाय का गलत चित्रण करती है और ज्ञानवापी मस्जिद मामले जैसे संवेदनशील मुद्दों को भड़काने का काम कर सकती है.

याचिका में फिल्म की रिलीज, स्क्रीनिंग और ट्रेलर को डिजिटल प्लेटफॉर्म्स से हटाने की मांग की गई है. दिल्ली हाई कोर्ट अब बुधवार (9 जुलाई, 2025) को इसपर सुनवाई करेगा, जो रिलीज से दो दिन पहले है.

जिहादियों को बेनकाब करेगी फिल्म

भाजपा के पूर्व विधायक राजा सिंह ने फिल्म का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि यह सच्ची घटना पर आधारित है और जिहादियों को बेनकाब करती है. उन्होंने दावा किया कि सेंसर बोर्ड की मंजूरी के बाद कोई फिल्म रोक नहीं सकता, और देश में ‘भगवा शासन’ के कारण रिलीज में बाधा नहीं आएगी.

संवेदनशील मुद्दे पर आधारित है फिल्म

‘उदयपुर फाइल्स’ 2022 में उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या पर आधारित है. यह फिल्म एक संवेदनशील मुद्दे पर आधारित है, जिसने देशभर में बहस छेड़ दी है. कन्हैया लाल हत्याकांड एक तेल व्यवसायी की निर्मम हत्या थी, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. इस घटना के बाद से राजनीतिक और सामाजिक समूहों के बीच मतभेद चल रहे हैं.

‘भड़काऊ है फिल्म का ट्रेलर’

फिल्म को सेंसर बोर्ड से ‘ए’ सर्टिफिकेट मिला है, जिसका मतलब है कि इसे वयस्कों के लिए अनुमति दी गई है. इस कारण, जमीयत उलमा-ए-हिंद ने दिल्ली, बॉम्बे और गुजरात हाई कोर्ट में याचिकाएं दायर की हैं, जिनमें फिल्म की रिलीज पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है.

इन याचिकाओं में कहा गया है कि फिल्म का ट्रेलर, जो 26 जून 2025 को रिलीज हुआ, भड़काऊ सामग्री से भरा है और इसमें विवादास्पद राजनीतिक बयानों का जिक्र है, जैसे नुपुर शर्मा के बयान, जो पहले भी साम्प्रदायिक तनाव बढ़ा चुके हैं.

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