माधबी पुरी बुच की नाक के नीचे ‘महा-लूट’! Jane Street ने कमाए हजारों करोड़, 91% रिटेल निवेशकों ने गंवाई जमा-पूंजी


Jane Street Case: भारतीय शेयर बाजार, जो आज डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा अखाड़ा बन चुका है, एक बड़े ‘खेल’ का शिकार हो रहा है. हाल ही में रेगुलेटर SEBI द्वारा अमेरिकी ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट (Jane Street) पर की गई कार्रवाई ने इस खेल की सिर्फ एक परत खोली है, लेकिन इसके पीछे की कहानी कहीं ज्यादा गहरी और डरावनी है.

ज़ी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने इसपर UAE आधारित एक हेज फंड के प्रेसिडेंट मयंक बंसल से बात की. बंसल ने कहा कि पूरे 2024 में बाजार में मैनिपुलेशन (हेर-फेर) बढ़ा है और सिर्फ 2024 में ही जेन स्ट्रीट ने लगभग ₹25,000 करोड़ का मुनाफा कमाया था. यह मामला सिर्फ एक कंपनी का नहीं, बल्कि उस सिस्टम का है जिसमें 91% आम निवेशक (Retail Traders) अपना पैसा गंवा रहे हैं, जबकि कुछ बड़े खिलाड़ी हजारों करोड़ बना रहे हैं. 

जेन स्ट्रीट ने सिर्फ बैंकनिफ्टी ऑप्शंस से ₹17,319 करोड़ का मुनाफा कमाया, जो इंडेक्स ऑप्शंस से हुए कुल मुनाफे का 40% है. SEBI के मुताबिक, सिर्फ इंडेक्स ऑप्शंस से ही ₹4,843 करोड़ की कमाई गैर-कानूनी तरीकों से की गई. बाकी ट्रेड्स की जांच अभी जारी है.

कैसे हुआ करोड़ों का ‘खेल’? जेन स्ट्रीट का मॉडस ऑपरेंडी

SEBI ने अपनी जांच में बताया है कि कैसे जेन स्ट्रीट ने सिर्फ एक दिन, 17 जनवरी 2024, को बाजार को धोखा देकर ₹734.93 करोड़ का मुनाफा कमाया.

पहला फेज:

  • जेन स्ट्रीट ने पहले ₹4,370 करोड़ के शेयर और फ्यूचर्स खरीदे.
  • बाजार को लगा कि कोई बड़ी खरीदारी हो रही है और रिकवरी आ रही है. आम निवेशक भी इस तेजी में कूद पड़े.
  • लेकिन इसी खरीदारी की आड़ में, जेन स्ट्रीट ने पर्दे के पीछे ₹32,115 करोड़ की मंदी की पोजीशन (Bearish Options) बना ली. यानी, उन्होंने पुट ऑप्शन खरीदे और कॉल ऑप्शन बेचे, इस उम्मीद में कि बाजार गिरेगा.

दूसरा फेज

  • जैसे ही उनकी मंदी की पोजीशन तैयार हुई, उन्होंने पहले खरीदे गए शेयरों और फ्यूचर्स को तेजी से बेचना शुरू कर दिया.
  • इस भारी बिकवाली से बाजार में तेज गिरावट आई.
  • और इसी गिरावट से उनकी ऑप्शंस की पोजीशन में उन्हें ₹735 करोड़ का भारी-भरकम मुनाफा हुआ.
  • यह साफ तौर पर बाजार को मैनिपुलेट करने का मामला है, जहां पहले झूठी तेजी का माहौल बनाया गया और फिर उसे गिराकर पैसा कमाया गया.

पूरे मामले की टाइमलाइन देखिए (Jane Street-SEBI Case Timeline)

फिलहाल पिछले 500 ट्रेडिंग सत्रों में से सिर्फ 21 दिन पर ही SEBI की जांच हुई है. हालांकि, SEBI की टाइमलाइन बताती है कि रेगुलेटर इस मामले पर काफी समय से काम कर रहा था.

  • अप्रैल 2024 – मीडिया रिपोर्ट्स के बाद SEBI ने इंटरनल जांच शुरू की
  • 23 जुलाई – SEBI ने NSE को Jane Street के ट्रेड्स की जांच का आदेश दिया
  • 20-30 अगस्त – Jane Street ने अपने ट्रेड्स का जवाब SEBI को सौंपा
  • 1 अक्टूबर – SEBI ने एक्सपायरी day ट्रेडिंग को लेकर सर्कुलर जारी किया
  • 13 नवंबर – NSE ने Jane Street पर अपनी रिपोर्ट SEBI को दी
  • दिसंबर – SEBI को एक्सपायरी डे पर बड़े रिस्की ट्रेड्स और वोलैटिलिटी दिखी
  • 4 फरवरी, 2025– PFUTP नियमों का उल्लंघन दिखा, SEBI ने नोटिस तैयार किया
  • 6 फरवरी, 2025– NSE ने Jane Street को चेतावनी पत्र भेजा
  • फरवरी, 2025 – Jane Street ने जवाब दिए लेकिन अस्पष्ट आश्वासन दिया
  • 15 मई, 2025– चेतावनी के बावजूद Jane Street ने बड़े ट्रेड्स जारी रखे

रिटेल निवेशक को घाटे पर घाटा

एक तरफ जहां जेन स्ट्रीट जैसी फर्में हजारों करोड़ कमा रही थीं, वहीं दूसरी तरफ आम निवेशक अपनी गाढ़ी कमाई लुटा रहे थे. SEBI की FY25 की स्टडी में चिंताजनक आंकड़े सामने आए हैं. स्टडी के मुताबिक, इक्विटी डेरिवेटिव्स (F&O) में ट्रेड करने वाले 91% लोगों को नुकसान हुआ. रिटेल ट्रेडर्स का कुल नुकसान FY24 के ₹74,812 करोड़ से 41% बढ़कर FY25 में ₹1,05,603 करोड़ हो गया. SEBI की सख्ती के बाद F&O में ट्रेड करने वाले इंडिविजुअल ट्रेडर्स की संख्या एक साल में 61.4 लाख से घटकर 42.7 लाख रह गई.

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