Jane Street मामले में कांग्रेस ने भी बोला हमला! कहा- SEBI की नाक के नीचे निवेशकों को लगाया करोड़ों का चूना

Jane Street Case: जेन स्ट्रीट के मामले में कांग्रेस पार्टी भी हमलावर हो चुकी है. कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि देश में कई संस्थाएं हैं जो मौजूदा मोदी सरकार के कार्यकाल में लगातार कमजोर होती जा रही हैं, और इन संस्थाओं की गिरती साख चिंता का विषय बनती जा रही है. ऐसी संस्थाओं की सूची में सबसे प्रमुख नाम है SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) का. SEBI की निगरानी में ही कई बड़े घोटाले और वित्तीय हेराफेरी हुई हैं, जिनके ज़रिए आम निवेशकों को करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है. इन मामलों पर कोई ठोस कार्रवाई न होना और समय रहते रोकथाम न किया जाना सवाल खड़े करता है.

‘जेन स्ट्रीट ने अवैध तरीके से कमाया बंपर मुनाफा’

कांग्रेस ने अमेरिका की एक ALGO ट्रेडिंग कंपनी जेन स्ट्रीट (Jane Street) को लेकर कहा कि यह कंपनी भारत के शेयर बाजार और डेरिवेटिव मार्केट में एक साथ ऑपरेट कर रही थी और जबरदस्त मुनाफा कमा रही थी. SEBI के इंटरिम ऑर्डर के मुताबिक, कंपनी की यह कमाई अवैध तरीके से हो रही थी. इस दौरान लाखों-करोड़ों आम निवेशकों का पैसा डूब गया. 

 

राहुल गांधी ने किया था आगाह

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने समय-समय पर इस खतरे की चेतावनी भी दी थी, लेकिन सरकार ने गंभीरता नहीं दिखाई. यह हेराफेरी कई वर्षों तक चलती रही और अंततः 3 जुलाई 2025 को SEBI ने एक अंतरिम आदेश (Interim Order) जारी कर जेन स्ट्रीट और उसकी 4 सहयोगी कंपनियों को भारत में ट्रेडिंग से रोक दिया. इसके साथ ही कंपनी के 4,844 करोड़ रुपये जब्त कर लिए गए.

44 हजार करोड़ का अवैध मुनाफा

SEBI का यह आदेश 105 पन्नों का था, जो सिर्फ 18 ट्रेडिंग सेशन (जनवरी 2023 से मार्च 2025 के बीच) की जांच के आधार पर जारी किया गया. जबकि रिपोर्ट के अनुसार, जेन स्ट्रीट ने इसी अवधि में 44,000 करोड़ रुपये का अवैध मुनाफा कमाया. यह भी स्पष्ट नहीं है कि इस अवधि से पहले और बाद में कंपनी ने कितना लाभ कमाया. खास बात यह है कि जब्त की गई राशि उस अवैध मुनाफे का दसवां हिस्सा भी नहीं है, जिससे यह मामला और अधिक गंभीर हो जाता है.

क्या है जेन स्ट्रीट का मामला?

जेन स्ट्रीट सिर्फ डेरिवेटिव मार्केट तक सीमित नहीं रहा. यह कंपनी डायरेक्ट इक्विटी मार्केट और फ्यूचर एंड ऑप्शंस में भी इतनी भारी मात्रा में ट्रेड करती थी कि बाजार को अपने अनुसार मैनिपुलेट (हेरफेर) कर लेती थी. ये कंपनियां शेयर के दाम तय करने में भी हस्तक्षेप करती थीं. वे “मार्केट मार्किंग क्लोज़” तकनीक का इस्तेमाल करती थीं, जिसमें यह निर्धारित किया जाता था कि बाजार बंद होने (3:30 बजे) के समय कौन सा स्टॉक कितने दाम पर बंद होगा. यह प्रैक्टिस भारत समेत दुनिया भर में गैरकानूनी है, क्योंकि यह पूरी तरह से स्टॉक मैनिपुलेशन के दायरे में आता है और इसके लिए जेल की सजा का प्रावधान है.

जेन स्ट्रीट ने कैसे किया करोड़ों का ‘खेल’? 

SEBI ने अपनी जांच में बताया है कि कैसे जेन स्ट्रीट ने सिर्फ एक दिन, 17 जनवरी 2024, को बाजार को धोखा देकर ₹734.93 करोड़ का मुनाफा कमाया.

पहला फेज:

जेन स्ट्रीट ने पहले ₹4,370 करोड़ के शेयर और फ्यूचर्स खरीदे.

बाजार को लगा कि कोई बड़ी खरीदारी हो रही है और रिकवरी आ रही है. आम निवेशक भी इस तेजी में कूद पड़े.

लेकिन इसी खरीदारी की आड़ में, जेन स्ट्रीट ने पर्दे के पीछे ₹32,115 करोड़ की मंदी की पोजीशन (Bearish Options) बना ली. यानी, उन्होंने पुट ऑप्शन खरीदे और कॉल ऑप्शन बेचे, इस उम्मीद में कि बाजार गिरेगा.

दूसरा फेज

जैसे ही उनकी मंदी की पोजीशन तैयार हुई, उन्होंने पहले खरीदे गए शेयरों और फ्यूचर्स को तेजी से बेचना शुरू कर दिया.

इस भारी बिकवाली से बाजार में तेज गिरावट आई.

और इसी गिरावट से उनकी ऑप्शंस की पोजीशन में उन्हें ₹735 करोड़ का भारी-भरकम मुनाफा हुआ.

यह साफ तौर पर बाजार को मैनिपुलेट करने का मामला है, जहां पहले झूठी तेजी का माहौल बनाया गया और फिर उसे गिराकर पैसा कमाया गया.

पूरे मामले की टाइमलाइन देखिए (Jane Street-SEBI Case Timeline)

फिलहाल पिछले 500 ट्रेडिंग सत्रों में से सिर्फ 21 दिन पर ही SEBI की जांच हुई है. हालांकि, SEBI की टाइमलाइन बताती है कि रेगुलेटर इस मामले पर काफी समय से काम कर रहा था.

  • अप्रैल 2024 – मीडिया रिपोर्ट्स के बाद SEBI ने इंटरनल जांच शुरू की
  • 23 जुलाई – SEBI ने NSE को Jane Street के ट्रेड्स की जांच का आदेश दिया
  • 20-30 अगस्त – Jane Street ने अपने ट्रेड्स का जवाब SEBI को सौंपा
  • 1 अक्टूबर – SEBI ने एक्सपायरी day ट्रेडिंग को लेकर सर्कुलर जारी किया
  • 13 नवंबर – NSE ने Jane Street पर अपनी रिपोर्ट SEBI को दी
  • दिसंबर – SEBI को एक्सपायरी डे पर बड़े रिस्की ट्रेड्स और वोलैटिलिटी दिखी
  • 4 फरवरी, 2025– PFUTP नियमों का उल्लंघन दिखा, SEBI ने नोटिस तैयार किया
  • 6 फरवरी, 2025– NSE ने Jane Street को चेतावनी पत्र भेजा
  • फरवरी, 2025 – Jane Street ने जवाब दिए लेकिन अस्पष्ट आश्वासन दिया
  • 15 मई, 2025– चेतावनी के बावजूद Jane Street ने बड़े ट्रेड्स जारी रखे

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