Amazing benefits of eating banana secret of health and luck hidden in Ayurveda and religion

Benefits in Ayurveda and Hinduism: सभी फलों में केला एकमात्र ऐसा फल है, जो स्वादिष्ट होने के साथ पौष्टिक भी होता है. आयुर्वेद और धर्म दोनों में ही इसकी उपयोगिता अहम हैं. एकतरफ आयुर्वेद में जहां केले को ऊर्जा, पाचन और संतुलन का स्त्रोत माना जाता है, वही दूसरी ओर धार्मिक दृष्टिकोण से केला और इसका पौधा दोनों पूजनीय होते हैं.

धार्मिक अनुष्ठानों में केले के पत्तों से लेकर इसके फल तक भगवान को चढ़ाए जाते हैं. पूजा-पाठ में इसे शुभता का प्रतीक भी माना जाता है. आज हम जानेंगे केले का धार्मिक और आयुर्वेदिक महत्व क्या है? इसे खाने से किन समस्याओं और ग्रह दोषों से छुटकारा मिलता है?

आयुर्वेद में केले का महत्व
प्रतिदिन केला का सेवन करने से ये आपकी दुर्बलता को दूर करता है और आपको ताकत प्रदान करता है. आयुर्वेद के अनुसार शाम के समय खाना खाने के बाद दो केले खाने से आपकी यौन दुर्बलता खत्म होती है. केला का सेवन करने से कई तरह की बीमारियों से बचाव होता है.

जिन लोगों की पाचन शक्ति कमजोर या कब्ज की समस्या बनी रहती है तो उन्हें केले का सेवन करने से फायदा मिलेगा. केला ऊर्जा देने के साथ एसिडिटी को कम करता है, शरीर में आयरन की मात्रा बढ़ाता है, खून साफ करने के साथ मांसपेशियों को मजबूती मिलती है. आयुर्वेद में ये फल औषधीय गुणों से भरपूर होता है.

धार्मिक दृष्टिकोण से केले का महत्व
हिंदू धर्म में केले का पेड़ शुद्ध और पवित्र माना जाता है. इसका संबंध भगवान विष्णु और गुरु ग्रह से होता है. मान्यताओं के मुताबिक गुरुवार के दिन केले के पेड़ की पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही केले के पौधे का संबंध मां लक्ष्मी से भी जुड़ा होता है.

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक जिन लोगों की कुंडली में गुरु ग्रह की दशा खराब रहती है, उन्हें केले का सेवन करने से अधिक लाभ मिलता है, क्योंकि केले का संबंध बृहस्पति ग्रह से होता है. जीवन में गुरु ग्रह की दशा सही होने पर विद्या, संतान और विवाह जैसे क्षेत्रों में अधिक लाभ मिलता है.

केले के सेवन से पितृ दोष से मिलता है छुटकारा
केले के पेड़ का प्रयोग भगवान का भोग रखने, आसन बनाने और देवी-देवताओं की मूर्तियों को सजाने में भी काम आता है. इसके पेड़-और पौधों को शुभ और सात्त्विक माना जाता है. ज्योतिष के मुताबिक केला का सेवन करने से पितृ दोष में राहत मिलती है और कुल परिवार में सुखद वातावरण रहता है.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

Read More at www.abplive.com