नई दिल्ली। अमेरिकन प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप (American President Donald Trump) का टैरिफ एक बार फिर पूरे दुनिया में हाहाकार मचा कर रख दिया है। बता दें कि सोमवार को ट्रम्प ने कोरिया समेत 14 देशों में टैरिफ लगाने का एलान किया है। ट्रम्प के तरफ से ब्रिक्स (BRICS) पर निशाना साधते हुए कहा गया है कि जो देश US Policy के विरोध (Against ) में जायेगा । उस पर 10 परसेंट एक्स्ट्रा टैरिफ लगेगा। ट्रम्प के इस चेतावनी कि ब्रिक्स (BRICS) में शामिल सदस्य देशों ने काफी विरोध किया है।
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BRICS क्या है ?
ये बार बार ब्रिक्स (BRICS) सुनकर आपके भी मन में आया होगा? आखिर ये ब्रिक्स क्या है? तो आईये आपको बताते हैं ब्रिक्स एक दुनिया की उभरती अर्थव्यवस्थाओं का एक ग्रुप है। इसके संस्थापक सदस्य देशों में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका हैं। इन सभी देशों के पहले अक्षर को लेकर BRICS नाम बनाया गया है। इसकी स्थापना 2009 में हुई है।
BRICS को ट्रम्प ने क्या दी चेतावनी
प्रसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प (President Donald Trump) ने 2 अप्रैल को दुनिया के तमाम देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ का एलान किया था। इसके इस 90 दिन के लिए रोक दिया गया था। इसके छूट की डेडलाइन 9 जुलाई को रखा गया। मगर अब इसे बढ़कर 1 अगस्त 2025 तक बड़ा दिया गया है। दरअसल 7 जुलाई से ही ट्रम्प ने टैरिफ विस्फोट करना शुरू कर दिया। जापान-साउथ कोरिया (Japan-South Korea) के अलावा म्यांमार, लाओस, दक्षिण अफ्रीका, कजाकिस्तान, मलेशिया, ट्यूनीशिया, इंडोनेशिया, बोस्निया, बांग्लादेश, सर्बिया, कंबोडिया और थाईलैंड पर 25 परसेंट से 40 परसेंट तक टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया। इस बीच डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) ने सोशल मीडिया के जरिए BRICS देशों के लिए एक चेतावनी भी जारी की।
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US Presidesnt डोनाल्ड ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि जो देश एंटी अमेरिकन पॉलिसी (Anti-American Policy) का समर्थन करेगा उस पर 10 परसेंट एक्स्ट्रा टैरिफ लगाया जाएगा। अमेरिका इसमें कोई गुंजाईश नहीं करेगा। ब्राजील के रियो डी जनेरियो में हाल ही में संपन्न हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बाद जारी एक घोषणापत्र में US Tariff की आलोचना की गई थी, जिसके बाद ट्रम्प का ये फीडबैक सामने आया।
आखिर ब्रिक्स को क्यों कर रहे हैं टारगेट?
इस पर ये सवाल आता है कि ट्रम्प ब्रिक्स को क्यों टारगेट कर रहें हैं? बता दें कि इस साल अमेरिकन डॉलर में गिरावट होने के कारन US Economy पर असर इसीलिए उन्हें लगता है कोई अमेरिका के खिलाफ कोई बड़ा साजिश रचा जा रहा है। दूसरा बड़ा कारण दुनिया के तमाम बड़े देशों ने डॉलर का यूज करना कम कर दिया है। ये भी एक्स्ट्रा टैरिफ के पीछे माना जा सकता है। इसका बड़ा उदाहरण देखें, तो BRICS के संस्थापक सदस्य देशों में शामिल आर्थिक रूप से मजबूत रूस और चीन आपस में अपनी करेंसी में ट्रेड करते रहे हैं।
रिपोर्ट: आकांक्षा उपाध्याय
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