<p style="text-align: justify;">पूर्वोत्तर रेलवे के रेलकर्मियों की ट्रैकिंग टीम ने 14,200 फीट ऊँचे हिमाचल प्रदेश स्थित हम्पटा पास (दर्रा) पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की और शिखर तक पहुंची. टीम ने यह उपलब्धि 3 जुलाई को दोपहर 2 बजे हासिल की. यह चढ़ाई बहुत कठिन और खड़ी ढ़ाल वाली थी. रास्ता पहाड़ी धाराओं और हिमनदों से भरा था. नरसा ट्रैकिंग टीम ने साहस और दृढ़ता के साथ प्रतिकूल मौसम की स्थिति का सामना किया और सभी बाधाओं को पार करते हुए अपने आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति के बल पर चोटी पर पहुंचने में सक्षम हुई. सबसे पहले टीम की महिला सदस्यों ने टीम लीडर मनीष रंजन के साथ शीर्ष पर पहुंचीं. जहाँ उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया और टीम के सभी सदस्यों ने राष्ट्रगान गाया. </p>
<p style="text-align: justify;">पूर्वोत्तर रेलवे की महाप्रबंधक व नरसा की संरक्षक सौम्या माथुर ने इस कठिन अभियान को सफलतापूर्वक पूरा करने पर टीम के सदस्यों को बधाई दी है. मुख्य प्रशासनिक अधिकारी निर्माण व नरसा अध्यक्ष अभय कुमार गुप्ता ने टीम के साहस की प्रशंसा<br />करते हुए उन्हें अगले अभियानों हेतु शुभकामना दी है. पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी व नरसा के महासचिव पंकज कुमार सिंह ने टीम के सदस्यों को इस अभियान के पूर्ण करने पर टीम का उत्साहवर्धन किया और बधाई दी.</p>
<p style="text-align: justify;">पूर्वोत्तर रेलवे की महाप्रबंधक सौम्या माथुर ने 5 महिलाओं समेत 29 सदस्यीय दल को अपने प्रोटोकाल निरीक्षक मनीष रंजन के नेतृत्व में 27 जून को रवाना किया था. इस दल में रेलवे के 12 विभिन्न विभागों के रेलकर्मी सम्मिलित रहे हैं. 10 दिवसीय यह अभियान 7 जुलाई को पूरा हुआ. हिमाचल प्रदेश के हम्पटा पास के आरोहण के अलावा टीम ने स्पीति घाटी में 14,000 फीट की ऊँचाई पर स्थित चन्द्र ताल झील का भी भ्रमण किया.</p>
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