किस बीमारी से जूझ रहीं पूर्व चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ की दोनों बेटियां, जानें ये कितनी खतरनाक?

<p style="text-align: justify;">सरकारी आवास खाली करने को लेकर पूर्व चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ सुर्खियों में हैं. इसके बाद उन्होंने सरकारी आवास खाली न कर पाने के पीछे अपनी दोनों बेटियों की बीमारी का हवाला दिया. आइए जानते हैं कि पूर्व सीजेआई की बेटियां किस बीमारी से जूझ रही हैं और ये कितनी खतरनाक हैं?&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>किस बीमारी से जूझ रहीं पूर्व सीजेआई की बेटियां?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की दो बेटियां प्रियंका और माही बेहद रेयर और गंभीर जेनेटिक बीमारी नेमालाइन मायोपैथी से जूझ रही हैं. इसका खुलासा खुद जस्टिस चंद्रचूड़ ने हाल ही में एक नेशनल वर्कशॉप में किया था. बता दें कि नेमालाइन मायोपैथी रेयर जेनेटिक डिसऑर्डर है, जिसे रॉड बॉडी डिजीज या रॉड बॉडी मायोपैथी के नाम से भी जाना जाता है. यह मांसपेशियों से संबंधित जन्मजात डिसऑर्डर है, जो स्केलेटल मांसपेशियों को प्रभावित करता है. इस बीमारी में मांसपेशियों के तंतुओं में धागे जैसी संरचनाएं (नेमालाइन बॉडीज) बन जाती हैं, जो मांसपेशियों के सामान्य कार्य में रुकावट डालती हैं. यह स्थिति मांसपेशियों में कमजोरी, चलने-फिरने में कमी और कई मामलों में सांस संबंधित दिक्कतों का कारण बनती है. यह बीमारी इतनी रेयर है कि यह हजारों में किसी एक व्यक्ति को प्रभावित करती है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>कैसी है जस्टिस चंद्रचूड़ की बेटियों की हालत?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">जस्टिस चंद्रचूड़ ने बताया कि उनकी बेटियों प्रियंका और माही को इस बीमारी की वजह से मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत पड़ती है. खासकर प्रियंका की हालत ज्यादा गंभीर है, क्योंकि वह ट्रेकियोस्टोमी ट्यूब पर निर्भर हैं. धूल, एलर्जी और इंफेक्शन से उन्हें बचाने के लिए खास सावधानियां बरतनी पड़ती हैं. उनकी देखभाल के लिए जस्टिस चंद्रचूड़ के दिल्ली स्थित सरकारी आवास में ही आईसीयू जैसा सेटअप बनाया गया है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>कैसे होते हैं नेमालाइन मायोपैथी के लक्षण?</strong></p>
<ul>
<li style="text-align: justify;"><strong>मांसपेशियों में कमजोरी:</strong> प्रभावित व्यक्ति को चलने, उठने या वस्तुओं को पकड़ने में दिक्कत हो सकती है.</li>
<li style="text-align: justify;"><strong>सांस संबंधी दिक्कतें:</strong> मांसपेशियों की कमजोरी के कारण सांस लेने में दिक्कत होती है. खासकर रात के वक्त यह परेशानी ज्यादा बढ़ जाती है.</li>
<li style="text-align: justify;"><strong>चेहरे की मांसपेशियों में कमजोरी:</strong> इससे चेहरा इमोशनलेस दिख सकता है. इसके अलावा बोलने और निगलने में मुश्किल हो सकती है.</li>
<li style="text-align: justify;"><strong>इंफेक्शन का खतरा:</strong> प्रियंका की तरह कई मरीजों को बार-बार इंफेक्शन का खतरा रहता है, क्योंकि उनकी फिजिकल कंडीशन उन्हें कमजोर बनाती है.</li>
</ul>
<p style="text-align: justify;"><strong>कितनी खतरनाक है यह बीमारी?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">इस बीमारी का सबसे बड़ा खतरा यह है कि इसका कोई निश्चित इलाज अभी तक उपलब्ध नहीं है. प्रियंका जैसे सीरियस मरीजों को हर वक्त व्हीलचेयर या खास मेडिकल इक्विपमेंट्स की जरूरत पड़ सकती है. अगर समय पर इलाज न मिले तो सांस संबंधित दिक्कतें इस बीमारी को जानलेवा बना सकती हैं.</p>
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<p><strong>Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.</strong></p>
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