डोनाल्ड ट्रंप की धमकी पर चीन का पलटवार, ब्रिक्स देशों पर टैरिफ बढ़ाने की दी थी चेतावनी

ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में ब्रिक्स सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें प्रधानमंत्री मोदी के साथ ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा के साथ सात अन्य सदस्य देशों के नेता और प्रतिनिधि शामिल हुए थे। इस आयोजन को लेकर डोनाल्ड ट्रंप अब चिढ़ गए हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स देशों की नीतियों का समर्थन करने वाले देशों पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने की धमकी दी है।

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने धमकी दी कि ब्रिक्स देशों की “अमेरिका विरोधी” नीतियों का समर्थन करने वाले देशों पर अतिरिक्त 10% टैरिफ लगाया जाएगा। ब्रिक्स समूह ने ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में हुए समिट में डोनाल्ड ट्रंप का नाम लिए बिना टैरिफ बढ़ाए जाने की निंदा की थी। इसके जवाब में उन्होंने यह धमकी दी। अब इस पर चीन की प्रतिक्रिया सामने आई है।

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चीन के विदेश मंत्रालय का बड़ा बयान

चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि हमारा मानना है कि ब्रिक्स अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में एक सकारात्मक शक्ति है। इसका सहयोग खुला और समावेशी है तथा इसका लक्ष्य कोई एक देश नहीं है। टैरिफ के लिए, हमने हमेशा टैरिफ युद्धों और व्यापार युद्धों का विरोध किया है। हम टैरिफ को बलपूर्वक और दबाव के तौर पर उपयोग करने के खिलाफ हैं। मनमाने ढंग से टैरिफ लगाना किसी भी पक्ष के हित में नहीं है।

इतना ही नहीं, चीन ने कहा कि ब्रिक्स समूह उभरते बाजारों और विकासशील देशों के बीच सहयोग का एक महत्वपूर्ण मंच है। यह किसी भी देश के खिलाफ किसी भी तरह के टकराव में शामिल नहीं है और न ही किसी देश को निशाना बनाता है।

ब्रिक्स में कौन-कौन शामिल?

ब्राजील में आयोजित ब्रिक्स 2025 शिखर सम्मेलन में 10 सदस्य शामिल हुए, जिनमें ब्राजील, चीन, मिस्र, इथियोपिया, भारत, इंडोनेशिया, ईरान, रूस, दक्षिण अफ्रीका और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं। एक संयुक्त बयान जारी कर इनकी तरफ से ईरानी परमाणु और सैन्य सुविधाओं पर अमेरिकी-इजरायल हमलों की निंदा की गई।

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ब्रिक्स की स्थापना ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका ने की थी। इस समूह में पिछले साल इंडोनेशिया, ईरान, मिस्र, इथियोपिया और संयुक्त अरब अमीरात को शामिल किया गया। इसके साथ ही 10 रणनीतिक साझेदार देश भी शामिल हैं।

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