Guru Uday 2025: लाई 2025 का महीना बहुत बड़ा बदलाव लेकर आ रहा है. 9 जून से अस्त हुए देवगुरु बृहस्पति अब दो दिन बाद यानी 9 जुलाई 2025 को पूरी तरह से उदय (गुरु उदय) हो जाएंगे.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब गुरु अस्त रहते हैं, तब शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है और कई बार आर्थिक, वैवाहिक और धार्मिक बाधाएं उत्पन्न होती हैं. लेकिन अब सब कुछ बदलने वाला है!
गुरु उदय का यह समय 2025 के सबसे शुभ समयों में गिना जाएगा, खासकर क्योंकि यह श्रावण मास के बीच पड़ रहा है, जब स्वयं भगवान शिव भी पृथ्वी पर भक्तों पर कृपा बरसाते हैं.
गुरु उदय 2025 की तिथि और समय (Guru Uday 2025 Date)
घटना | तिथि | समय |
गुरु अस्त | 9 जून 2025 | प्रातः 09:36 बजे |
गुरु उदय | 9 जुलाई 2025 | सुबह 08:14 बजे |
गुरु उदय से किन कार्यों को मिलेगी हरी झंडी?
गुरु के उदय होने से फिर से आरंभ हो जाएंगे ये शुभ कार्य
- विवाह, सगाई, मुंडन जैसे संस्कार
- संपत्ति क्रय-विक्रय
- नया व्यवसाय या निवेश
- मंत्र दीक्षा और धार्मिक अनुष्ठान
- शास्त्र अनुसार शिक्षा की शुरुआत
किन राशियों के लिए गुरु उदय बनेगा भाग्य उदय?
गुरु का गोचर मिथुन राशि में हो रहा है, और अब उनका उदय कुछ राशियों के लिए विशेष लाभदायक रहेगा. ये लकी राशियां कौन सी हैं, जानते हैं-
मेष राशि
- निर्णय लेने की शक्ति बढ़ेगी
- करियर में नई शुरुआत
- विवाह के योग प्रबल
सिंह राशि
- शिक्षा व संतान से जुड़ी समस्याएँ दूर होंगी
- भाग्य का संयोग मिलेगा
- जीवनसाथी से सहयोग
धनु राशि
- आर्थिक लाभ
- नई यात्रा का योग
- गुरु का विशेष संरक्षण मिलेगा
कर्क, मकर, मीन
- रोग से राहत
- मानसिक शांति
- धार्मिक आस्था में वृद्धि
गुरु उदय पर क्या करें
- गुरु कृपा पाने के लिए करें ये सरल उपाय:
- गुरुवार को व्रत रखें और पीली वस्तु का दान करें
- ओम बृं बृहस्पतये नमः मंत्र का 108 बार जाप करें
- पीपल और केले के वृक्ष की सेवा करें
- ब्रह्मचर्य पालन और संयमित आहार पर ध्यान दें
देश-दुनिया पर प्रभाव: आस्था, नीति और शिक्षा में नई ऊर्जा
- शिक्षा नीतियों में बदलाव के संकेत
- राजनीतिक विचारधारा में संतुलन और गुरुजन,वृद्धों की भूमिका में इजाफा
- धार्मिक आयोजनों में बढ़ोतरी, संत-महात्माओं की सक्रियता बढ़ेगी.
- शांति प्रयासों में तेजी, जहां युद्ध जैसी स्थिति हैं, वहां नई संधियां देखने को मिल सकती हैं.
शास्त्र क्या कहते हैं?
गुरु का उदय होना हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है. ज्योतिष ग्रंथों में इस ज्योतिषीय गोचर को एक महत्वपूर्ण घटना के तौर पर देखा जाता है. बृहत् संहिता के अनुसार बृहस्पतिः शुभकार्येषु कारणं ज्ञेयं.
FAQs
Q1. क्या गुरु उदय के बाद विवाह योग्य योग बन सकते हैं?
हां, गुरु उदय होते ही शुभ विवाह मुहूर्त फिर से चालू हो जाएंगे.
Q2. क्या यह समय व्यवसाय शुरू करने के लिए शुभ है?
हां, यह समय नई शुरुआत और निवेश के लिए अत्यंत अनुकूल है.
Q3. क्या ग्रहण, वक्री या अस्त जैसे प्रभाव अब भी हैं?
9 जुलाई के बाद गुरु उदय हो जाएंगे, लेकिन केतु की उपस्थिति और सिंह राशि का त्रिग्रही योग जुलाई के अंत तक असर डाल सकता है.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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