UPI Transaction will be cheaper than Swipe Card Know What is Govt Plan

यूपीआई यूजर्स के लिए बड़ी खबर आई है। अगर आप डिजिटल पेमेंट के लिए यूपीआई उपयोग करते हैं तो खरीदारी करना फायदेमंद हो सकता है। जी हां सरकार इसको लेकर काम कर रही है, अगर यह नियम लागू हो जाता है तो ग्राहकों को सीधे तौर पर 100 रुपये के खर्च वाला लेनदेन सिर्फ 98 रुपये में पड़ेगा। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

क्रेडिट कार्ड से सस्ता होगा UPI

सरकार यूपीआई ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए नया प्लान बना रही है। खरीदारी करने के लिए UPI कोड को स्कैन करना आपके लिए क्रेडिट कार्ड को स्वाइप करने से सस्ता साबित हो सकता है। अगर उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा पेमेंट ट्रांजेक्शन फीस पर किए गए प्रयास सफल होते हैं तो ग्राहकों को सीधे तौर पर लाभ होगा।

ग्राहकों को MDR छूट का फायदा

आपको बता दें कि वर्तमान में क्रेडिट कार्ड से भुगतान पर विक्रेता को 2-3 प्रतिशत एमडीआर (एक प्रकार का चार्ज) देना पड़ता है। अधिकतर विक्रेता इस चार्ज को खुद देते हैं। (कुछ स्थितियों में ग्राहकों से इस चार्ज के भुगतान के लिए भी कहा जा सकता है)। जैसे कि अगर ग्राहक 100 रुपये की खरीदारी करते हैं तो क्रेडिट कार्ड से भुगतान करने पर एमडीआर चार्ज लगेगा, जिसका भुगतान विक्रेता करेगा तो उसे ग्राहक द्वारा किए गए भुगतान से कम राशि मिलेगी। वहीं अगर ग्राहक यूपीआई से भुगतान करेगा तो उस पर कोई भी एमडीआर चार्ज नहीं लगता है तो ऐसे में विक्रेता को पूरा पैसा मिलेगा। ऐसे में सरकार चाहती है कि यूपीआई पेमेंट पर उस चार्ज को ग्राहकों को प्रदान किया जाए। इससे 100 रुपये के भुगतान वाले सामान के लिए सिर्फ 98 रुपये चुकाने होंगे।

लाइवमिंट की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार एक ऐसे प्लान पर काम कर रही है, जो अपने यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) के कॉस्ट बेनिफिट्स को ग्राहकों तक पहुंचाएगी और यूपीआई उपयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करेगी। मंत्रालय के अधिकारी जल्द ही प्लान को आगे बढ़ाने के लिए संबंधित लोगों से मिलेंगे। इस कदम से खरीद के दौरान डिस्काउंट देकर यूपीआई उपयोग को प्रोत्साहित किया जाएगा। जीरो फीस डिजिटल पेमेंट मोड चुनने के लिए यूजर्स को प्रभावी रूप से रिवार्ड मिलेगा। रिपोर्ट के अनुसार, उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म, पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर, भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI), फाइनेंशियल सर्विस डिपार्टमेंट (DFS) और उपभोक्ता अधिकार समूहों समेत कई संस्थान के साथ परामर्श करने के लिए तैयार है। जून में सभी के साथ मीटिंग के बाद फाइनल प्लान तैयार किया जा सकता है।

 

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