Khas-e-Aam Mango Festival started in Delhi 515 varieties of mangoes collected from all over the country ANN

‘Khas-e-Aam’ Mango Festival: राजधानी दिल्ली में आम प्रेमियों के लिए एक खास तोहफा लेकर आया है ‘खास-ए-आम’ मैंगो फेस्टिवल, जिसकी शुरुआत शनिवार को चाणक्यपुरी स्थित पालिका सेवा अधिकारी संस्थान (PSOI) क्लब में हुई. दो दिवसीय इस महोत्सव का उद्घाटन एनडीएमसी के उपाध्यक्ष कुलजीत सिंह चहल ने किया.

चहल ने उद्घाटन पर कहा कि यह आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “विकसित भारत @2047” के विजन से जुड़ा है. यह किसानों को सशक्त बनाने, कृषि नवाचार को बढ़ावा देने और आत्मनिर्भर भारत की सोच को मजबूत करता है. उन्होंने बताया कि भविष्य में अन्य देशों के दूतावासों को भी इसमें शामिल किया जाएगा ताकि वैश्विक आमों की विविधता को एक मंच पर लाया जा सके.

देशभर से जुटाए 515 किस्मों के आम

महोत्सव में देश के अलग-अलग राज्यों से आए किसानों ने 515 किस्मों के आमों का प्रदर्शन किया है. यह पहली बार है जब एनडीएमसी ने किसानों को ऐसा मंच दिया है जहां वे सीधे उपभोक्ताओं और संस्थानों से जुड़ सकते हैं.

आईसीएआर-सीआईएसएच (CISH) लखनऊ ने अकेले 250 से अधिक किस्में पेश की हैं. जिनमें दशहरी, लंगड़ा, चौसा, मल्लिका, आम्रपाली, अमीगा, अरुणिका जैसी चर्चित किस्में शामिल हैं. वहीं, आईसीएआर-आईएआरआई ने अपनी रंगीन किस्म ‘पूसा लालिमा’ को भी प्रदर्शित किया है. कुल मिलाकर 10 किसान समितियां और व्यक्तिगत किसान हर स्टॉल पर 100 से ज्यादा किस्में लेकर आए हैं.

‘सिंदूर’ नाम की नई किस्म जल्द

इस बार अनुसंधान संस्थानों की भागीदारी भी खास रही. प्रतिनिधियों ने जानकारी दी कि एक नई किस्म ‘सिंदूर’ के नाम से विकसित की जा रही है, जो ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को समर्पित होगी. पारंपरिक, संकर और विदेशी आमों की मौजूदगी रही है.

ढाई किलो का ‘राजा वाला’ आम बना स्टार

प्रदर्शनी में सबसे अधिक चर्चा का विषय बना ‘राजा वाला’ आम, जिसका वजन 2.5 किलो है. इसकी भारी भरकम बनावट और आकर्षक रंग-रूप ने दर्शकों का खूब ध्यान खींचा. फेस्टिवल में केवल देखने भर को ही नहीं, स्वाद चखने को भी बहुत कुछ है. आम से बने जूस, शेक, अचार, मुरब्बा और चटनी जैसे उत्पादों के लिए 10 खास स्टॉल लगाए गए हैं. ये स्टॉल किसानों, सहकारी समितियों और होटलों द्वारा लगाए गए हैं, जो आम के अलग-अलग रूपों में उपयोग का बेहतरीन उदाहरण पेश करते हैं.

बच्चों और परिवारों के लिए फेस्टिवल में मनोरंजन गतिविधियाँ भी रखी गई हैं. साथ ही, आम के पौधों के नमूने भी प्रदर्शित किए गए हैं, जिन्हें आगंतुक खरीद सकते हैं. यह बागवानी को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक सराहनीय प्रयास है.

रविवार को भी मिलेगा मौका, दोपहर 12 से रात 9 बजे तक खुला

एनडीएमसी उपाध्यक्ष चहल ने नागरिकों से अपील की कि वे परिवार और मित्रों के साथ इस अनोखे फेस्टिवल में शामिल हों और भारत की कृषि विविधता, किसानों की मेहनत और आम की रंग-बिरंगी दुनिया का अनुभव करें. आम महोत्सव रविवार को भी दोपहर 12 बजे से रात 9 बजे तक खुला रहेगा.

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