पटना। बिहार की राजधानी पटना में हुई उद्योगपति गोपाल खेमका की हत्या को लेकर सियासी हलचल मच गयी है। कानून—व्यवस्था को लेकर लगातार कई बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं। विपक्षी दल के नेता नीतीश सरकार पर हमलावर हैं। वहीं, अब इस घटना को लेकर कांग्रेस नेता डॉ. अखिलेश प्रताप सिंह ने बड़ा हमला बोला है। उन्होंने प्रेस कॉफ्रेंस के दौरान कहा कि, कल बिहार में एक प्रतिष्ठित व्यापारी गोपाल खेमका की हत्या कर दी गई। कुछ साल पहले उनके बेटे की हत्या कर दी गई थी। यह बेहद चिंता का विषय है। बिहार के लगभग जिलों में रोज हत्याएं हो रही हैं, लेकिन सरकार को इससे फर्क नहीं पड़ रहा है। सरकार ने बिहार की जनता को भगवान भरोसे छोड़ दिया है। बिहार में जब भी नीतिश कुमार और BJP का गठबंधन होता है, तब प्रदेश में हत्या, बलात्कार जैसे अपराध बढ़ जाते हैं।
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इसके साथ ही कहा, एक समय था- जब पूरा बिहार शांति, सद्भाव, ज्ञान और तप की स्थली के रूप में जाना जाता था, लेकिन यहां आज गुंडों की गोलियां आग उगल रही हैं। एक तरफ- ADG लॉ एंड ऑर्डर कहते हैं कि पुलिस पर बढ़ते हमले चिंता का विषय हैं। दूसरी तरफ- पटना में तेजस्वी यादव जी के आवास के पास अपराधी गोलियां चलाते हैं, जो आजतक पकड़ से बाहर हैं। आज नाबालिग बच्चियों के साथ लगातार बलात्कार हो रहा है, पुलिस वालों को मौत के घाट उतार दिया जा रहा है। अकेले पटना में इस साल में 116 हत्या, 41 बलात्कार की घटनाएं हुईं हैं। बीते साल पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी आंकड़े में कहा गया कि 151 दिनों में पुलिस पर 1,297 बार हमले हुए हैं। NCRB के अनुसार-जहां 2005 में बिहार में कुल अपराध की संख्या 1,60,664 थी, वहीं 2022 में यह संख्या बढ़कर 3,47,835 हो गई। यानी इस संख्या में 323% की वृद्धि हुई है। हत्याओं के मामले में उत्तर प्रदेश के बाद बिहार का नंबर आता है।
उन्होंने आगे कहा, NDA के शासन में 17 साल में 53,000 हजार से ज्यादा हत्या के मामले दर्ज किये गए, हत्या के प्रयास के मामले में भी बिहार देश में दूसरे नंबर पर है और कुल 98,169 घटनाएं दर्ज हुईं, जो 262% की वृद्धि है। बिहार में जघन्य अपराध (हत्या, रेप, अपहरण, फिरौती, डकैती) के मामलों में भी 226% की वृद्धि हुई है। 17 साल में 5,59,413 मामले दर्ज हुए हैं। बिहार में 2,21,729 महिलाएं अपराध का शिकार बनीं और महिला अपराध के मामलों में 336% की वृद्धि हुई है। महिलाओं के अपहरण मामलों में 1097% और बच्चों के खिलाफ अपराध में 7062% की भयावह वृद्धि हुई है। दलित अपराध के मामले में बिहार, उत्तर प्रदेश के बाद दूसरे नंबर पर हैं।
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