Bilawal Bhutto on Masood Azhar: पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावट भुट्टो जरदारी ने जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर को लेकर ऐसा बयान दिया है, जिसे खुद पाकिस्तान के लोग नकार देंगे. भारत ने कई बार इस बात के सबूत दिए हैं कि जैश-ए-मोहम्मद (JEM) का हेडक्वार्टर पाकिस्तान के बहावलपुर में है. यहां तक कि पाकिस्तान के करीब हर शख्स को पता होगा कि मसूद अजहर कहां छिपकर बैठा है, लेकिन बिलावट भुट्टो ने कहा कि हमें नहीं पता कि मसूद अजहर कहां है.
‘मसूद अजहर को लेकर भारत शेयर करे जानकारी’
अलजजीरा को दिए इंटरव्यू में बिलावल भुट्टो ने कहा कि अगर भारत यह जानकारी दे कि वह (मसूद अजहर) पाकिस्तानी धरती पर है तो पाकिस्तान उसे गिरफ्तार करने में खुशी महसूस करेगा. पिछले साल ही मसूद अजहर बहावलपुर में एक समारोह के दौरान खुला घूमते और भारत के खिलाफ जहर उगलते हुए नजर आया था.
हाफिज सईद-मसूद अजहर के खिलाफ पाकिस्तान ने क्या एक्शन लिया?
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के चीफ से पूछा गया कि हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे लोगों के खिलाफ पाकिस्तान ने क्या एक्शन लिया है? इसमें बिलावल भुट्टो के मई 2025 के बयान का भी जिक्र किया गया जिसमें उन्होंने कुछ समय तक डिटेंशन में रहने के बावजूद अब हाफिज सईद आजाद शख्स हैं. इस पर पीपीपी चीफ ने कहा कि ये कहना तथ्यात्मक रूप से सही नहीं है कि हाफिस सईद आजाद है.
अफगानिस्तान में है मसूद अजहर- बिलावल भुट्टो
उन्होंने कहा, “पाकिस्तान की कस्टडी में हैं. जहां तक मसूद अजहर का सवाल है, हम उसे गिरफ्तार करने या उसकी पहचान करने में असमर्थ रहे हैं. अफगान जिहाद के संदर्भ में उसके अतीत को देखते हुए, हमारा मानना है कि वह अफगानिस्तान में है.“
पीपीपी चीफ से पूछा गया, “संयुक्त राष्ट्र की ओर से नामित आतंकवादी और उसके ठिकाने के बारे में आपको पता नहीं है और आप उम्मीद करते हैं कि भारत आपको इस बारे में जानकारी देगा?” इस पर बिलावल भुट्टो ने कहा, “अगर किसी देश के साथ आपका काउंटर टेररिज्म एग्रीमेंट होता है तो हम अपने देश से जुड़े ग्रुपों की जानकारी देते हैं और दूसरा देश हमें अपने ग्रुपों की जानकारी देता है. ऐसा करके हम लंदन, न्यूयॉर्क और पाकिस्तान में अटैक को विफल करने में सफल रहे हैं.“
‘जो NATO नहीं कर पाई वो हम नहीं कर पाएंगे’
बिलावट भुट्टो ने कहा, “वेस्ट जिन्हें पहले आतंकवादी कहते थे उन्होंने अफगानिस्तान को उन्हीं के हाथों सौंप दिया है. हमारे लिए (पाकिस्तान) ये संभव नहीं है कि हम वहां जाएं और वो करें जो नाटो (NATO) नहीं कर पाई.”
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