Cyber Fraud Seeking help for treatment proved costly for the woman know how it happened

Cyber Fraud: भारत में ऑनलाइन ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. साइबर अपराधी अब सिर्फ अमीरों को नहीं, बल्कि ज़रूरतमंद और मजबूर लोगों को भी अपना शिकार बना रहे हैं. हाल ही में कर्नाटक के उडुपी की एक महिला, जो कैंसर का इलाज करवा रही है, मेडिकल खर्चों के लिए सोशल मीडिया पर मदद मांगते हुए ऑनलाइन धोखाधड़ी की शिकार हो गई और ₹30,000 से ज़्यादा गंवा बैठीं.

क्या है पूरा मामला?

The Times of India की रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता एक कैंसर रोगी हैं और इलाज के बढ़ते खर्चों से परेशान होकर उन्होंने सोशल मीडिया पर बैंक अकाउंट की जानकारी साझा करते हुए लोगों से आर्थिक मदद की गुहार लगाई थी. 1 जुलाई को सुबह करीब 10 बजे उन्हें एक फोन कॉल आया जिसमें कन्नड़ भाषा बोलने वाला एक व्यक्ति खुद को मंत्रालय राघवेंद्र स्वामी मठ का प्रतिनिधि बताने लगा. उसने दावा किया कि उडुपी के कृष्ण मठ के निर्देश पर वह कॉल कर रहा है और पीड़िता को 2.90 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जा रही है.

लेकिन इस रकम को पाने के लिए महिला से पहले 29,900 रुपये “टैक्स” के रूप में मांगे गए. धार्मिक संस्था के नाम और मदद के वादे पर भरोसा कर महिला ने यह रकम PhonePe के जरिए ट्रांसफर कर दी. इसके बाद उस व्यक्ति के कहने पर उन्होंने दो बार में 4,000 रुपये और भेज दिए.

ठग ने उन्हें आश्वासन दिया कि दोपहर 11:45 बजे तक 2.90 लाख रुपये उनके खाते में आ जाएंगे और फिर वह कॉल करें. लेकिन समय बीतने के बाद भी जब पैसा नहीं आया तब महिला को ठगी का एहसास हुआ और उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.

कानूनी कार्रवाई और धाराएं

इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 318(4) और 112 के तहत केस दर्ज किया गया है. साथ ही आईटी एक्ट की धारा 66(C) और 66(D) के तहत भी मामला दर्ज किया गया है.

कैसे बचें ऐसी ऑनलाइन ठगी से?

यह घटना उन तमाम लोगों के लिए चेतावनी है, जो आर्थिक या स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों में सोशल मीडिया पर मदद मांगते हैं. ऐसे हालात में संवेदनशील जानकारी सार्वजनिक करना काफी जोखिम भरा हो सकता है.

सावधानी बरतने के कुछ उपाय

  • बैंक खाता या अन्य संवेदनशील जानकारी कभी भी सोशल मीडिया पर सार्वजनिक न करें.
  • अगर कोई बड़ी रकम या दान की पेशकश करे, तो उसकी पहचान की अच्छी तरह से जांच करें.
  • कोई भी संगठन अगर मदद के बदले प्रोसेसिंग फीस या टैक्स मांगे, तो सतर्क हो जाएं. असली सहायता संस्थाएं कभी पैसे की मांग नहीं करतीं.
  • शंका की स्थिति में संबंधित संस्था की ऑफिशियल वेबसाइट या हेल्पलाइन से संपर्क करें.
  • किसी भी संदेहास्पद कॉल या ट्रांजैक्शन की तुरंत साइबर क्राइम पोर्टल या नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत करें.

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