Afghanistan Taliban government said Russia become first country to officially recognise islamic Emirate Big setback for Pakistan

Russia Recognise Taliban Government: भारत के सबसे खास दोस्त रूस के एक बड़े फैसले ने पाकिस्तान को चारों खाने चित कर दिया है. अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने गुरुवार (3 जुलाई, 2025) को कहा कि रूस आधिकारिक तौर पर उसके शासन को मान्यता देने वाला पहला देश बन गया है. चीन और पाकिस्तान सहित कई अन्य देशों की राजधानियों में तालिबान के राजदूत हैं, लेकिन उन्होंने इस्लामिक अमीरात को आधिकारिक तौर पर मान्यता नहीं दी है.

यह घोषणा अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी और अफगानिस्तान में रूस के राजदूत दिमित्री झिरनोव के बीच काबुल में हुई बैठक के बाद की गई. मुत्ताकी ने एक्स पर किए एक पोस्ट में कहा कि यह साहसी निर्णय दूसरों के लिए एक उदाहरण होगा. अब जब मान्यता की प्रक्रिया शुरू हो गई है तो रूस सभी से आगे था. 

तालिबान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जिया अहमद तकाल ने एएफपी को बताया कि रूस पहला देश है, जिसने आधिकारिक तौर पर इस्लामिक अमीरात को मान्यता दी. अफगानिस्तान के लिए मॉस्को के विशेष प्रतिनिधि जमीर काबुलोव ने रूस की राज्य समाचार एजेंसी रिया नोवोस्ती को बताया कि सरकार ने तालिबान सरकार को मान्यता दी है.

पुतिन का मास्टर स्ट्रोक
पुतिन का ये बड़ा कदम इसलिए भी मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है क्योंकि इससे अमेरिका के क्षेत्रीय प्रभाव को चुनौती मिलेगी और पाकिस्तान को गंभीर रणनीतिक चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान खुद को तटस्थ दिखाने के चक्कर में ट्रंप ने भारत का साथ नहीं दिया

पाकिस्तान को बड़ा झटका
पाकिस्तान के लिए ये बड़ा झटका इसलिए माना जा रहा है, क्योंकि वो लंबे समय से तालिबान का खुला समर्थक रहा है, लेकिन अभी तक तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दे पाया. ऐसे में अब पाकिस्तान का क्षेत्रीय प्रभाव कमजोर हो सकता है, क्योंकि अब अफगान सरकार रूस के जरिए दुनिया के बाकी मुल्कों से सीधे संबंध बना सकती है.

भारत को मिलेगा फायदा
रूस और भारत की दोस्ती के चलते पाकिस्तान अब पिस सकता है. तहरीक-ए-तालिबान को लेकर अफगान सरकार और पाकिस्तान में विवाद है, क्योंकि पाकिस्तान मानता है कि उनके देश में कई हमलों के लिए टीटीपी जिम्मेदार है.

भारत के साथ तालिबान के संबंध 2021 के बाद से धीरे-धीरे सुधर रहे हैं. विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने तालिबान नेताओं से कुछ समय पहले मुलाकात की थी. रूस की मान्यता से तालिबान को वैश्विक मंच पर वैधता मिलेगी और भारत को अफगानिस्तान में बुनियादी ढांचे को और मजबूत करेंगे के अवसर मिलेंगे.

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