नॉट फॉर प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशंस आसानी से एक्सचेंज के रास्ते जुटा सकेंगे पैसे, जानिए क्या है सेबी का प्लान – not for profit organizations may raise funds easily through social stock exchange sebi prepares a plan

नॉट फॉर प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशंस (एनपीओ) आसानी से एक्सचेंज के रास्ते जुटा सकेंगे पैसे। सेबी सोशल स्टॉक एक्सचेंजों (एसएसई) पर एनपीओ के लिए एक ऑनलाइन बिडिंग प्लेटफॉर्म शुरू करने पर विचार कर रहा है। रेगुलेटर ने इस बारे में 3 जुलाई को एक कंसल्टेशन पेपर इश्यू किया है। इसमें कहा गया है कि सोशल स्टॉक एक्सचेंजों के जरिए फंड जुटाने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की जरूरत है।

NPO को सोशल स्टॉक एक्सचेंजों के जरिए फंड जुटाने की इजाजत

सेबी के ड्राफ्ट सर्कुलर में कहा गया है, “नॉट-फॉर प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशंस (NPOs) को जीरो कूपन जीरो प्रिंसिपल (ZCZP) इंस्ट्रूमेंट्स के जरिए सोशल स्टॉक एक्सचेंज (SSE) पर फंड जुटाने की इजाजत है। इसे आसान बनाने के लिए SSE Electronic Book Provide (SSE-EBP) प्लेटफॉर्म की जरूरत महसूस की जा रही है।” एसएसई-ईबीपी से प्राइसिंग बिड के लिए एक प्लेटफॉर्म उपलब्ध होगा।

बिडिंग से पहले पार्टिसिपेंट्स को एनरॉलमेंट कराना होगा

SSE-EBP को बिड प्लेस करने के लिए ऑनलाइट प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने के साथ ही यह सुनिश्चित करना होगा कि पार्टिसिपेंट्स को को फाइल किए गए हर ड्राफ्ट फंड रेजिंग डॉक्युमेंट (DFRD) की जानकारी दी जाए। एसएसई-ईबीपी प्लेटफॉर्म पर एलिजिबल पार्टिसिपेंट्स में QIB शामिल हैं। बिडिंग प्रोसेस शुरू होने से पहले पार्टिसिपेंट्स को SSE-EBP के साथ खुद को एनरॉल कराना होगा। ऐसा सिर्फ एक बार करना होगा। यह एनरॉलमेंट तब तक वैलिड होगा जब तक इसे रद्द नहीं कर दिया जाता।

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सोशल स्टॉक एक्सचेंज का मतलब

सोशल स्टॉक एक्सचेंज एक नया कॉनसेप्ट है। यह स्टॉक एक्सचेंजों के तहत एक अलग सेगमेंट है। इसका मकसद उन कंपनियों को फंड जुटाने का मौका देना है जो प्रॉफिट की जगह परोपकार के लिए काम करती हैं। ऐसी संस्थाओं को नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशंस (NPO) कहा जाता है। एनपीओ सोशल स्टॉक एक्सचेंज के जरिए सामाजिक और परोपकार के कामों के लिए पैसे जुटाती हैं।

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