Gayatri Mantra for every God and Goddess Know benefits of chanting and remove obstacles in life

Gayatri Mantra for all Gods and Goddesses: हिंदू धर्म में गायत्री मंत्र को पवित्र और परम शक्तिशाली मंत्र बताया गया है. यह न केवल सूर्य देवता के लिए, बल्कि तमाम देवी-देवताओं के लिए मुख्य रूप से समर्पित होता है.

हिंदू धर्म में सभी देवी-देवताओं का अपना गायत्री मंत्र होता है, जिनका जाप करने से आध्यात्मिक चेतना जागृत होने के साथ दिव्य आशीर्वाद की भी प्राप्ति होती है.

श्री गणेश गायत्री मंत्र
सभी देवी-देवताओं में प्रथम जिन्हें हर शुभ कार्य में सबसे पहले पूजा जाता है, वो भगवान श्री गणेश. श्री गणेश जी का गायत्री मंत्र, ‘ऊं एकदृंष्ट्राय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो बुद्धि: प्रचोदयात्’ है.

मंत्र का लाभ- इस मंत्र का उच्चारण करने से सभी तरह की मुश्किलें दूर होती है. इसके साथ ही काम में आ रही रुकावटें भी खत्म हो जाती है. मानसिक शांति पाने के लिए भी गणेश गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए.

श्री नृसिंह गायत्री मंत्र
श्री नृसिंह भगवान का गायत्री मंत्र ‘ऊं उग्रनृसिंहाय विद्महे वज्रनखाय धीमहि तन्नो नृसिंह प्रचोदयात्’ है. इस मंत्र को जाप करने से शत्रु पर विजय पाने के साथ डर और दहशत दूर रहते हैं. किसी भी आक्रमण से बचने के लिए नृसिंह गायत्री मंत्र असरदार साबित होता है.

श्री कृष्ण गायत्री मंत्र
सभी भगवानों में श्री कृष्ण को भी अहम स्थान प्राप्त है. ऐसे में जिन लोगों को जीवन में भक्ति भाव, प्रेम की चाहत है और निस्वार्थ या मोह से छुटकारा पाना चाहते हैं तो श्री कृष्ण जी का गायत्री मंत्र, ‘ऊं देवकीनन्दाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण: प्रचोदयात्। का जाप करना चाहिए.

महालक्ष्मी गायत्री मंत्र
जिन लोगों के जीवन में धन से संबंधित समस्याएं बनी हुई है, उन्हें मां लक्ष्मी का गायत्री मंत्र, ‘ॐ महालक्ष्म्यै विद्महे विष्णुप्रियायै धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात्। का जाप करना चाहिए. इस मंत्र का नियमित रूप से जाप करने पर व्यक्ति को यश और धन की प्राप्ति होती है.

अग्नि गायत्री मंत्र
अग्नि गायत्री मंत्र का उच्चारण उन लोगों को करना चाहिए, जो कमजोर प्रवृत्ति के हैं या जिन्हें प्रभावशाली और होनहार बनना है. उन्हें अग्नि गायत्री मंत्र, ‘ऊं महाज्वालाय विद्महे अग्निदेवाय धीमहि तन्नो अग्नि: प्रचोदयात्’ का जाप करना चाहिए.

इंद्र गायत्री मंत्र
इंद्र गायत्री मंत्र का उच्चारण तब करना चाहिए, जब व्यक्ति तमाम तरह की बीमारियों के साथ भूत-प्रेत जैसी नकारात्मक ऊर्जा से घिरा हो. इंद्र गायत्री मंत्र, ‘ऊं सहस्रनेत्राय विद्महे वज्रहस्ताय धीमहि तन्नो इन्द्रः प्रचोदयात्।‘ का जाप करने से तमाम नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है.

सरस्वती गायत्री मंत्र
जिन लोगों की बुद्धि व विवेक गलत चीजों के बारे में ही सोचती रहती है, उन्हें सरस्वती गायत्री मंत्र, ‘ॐ सरस्वत्यै विद्महे ब्रह्मपुत्र्यै धीमहि तन्नो देवी प्रचोदयात्।’ का जाप करना चाहिए. इस मंत्र का जाप करने से मानसिक रूप से सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है.

दुर्गा गायत्री मंत्र
दुर्गा गायत्री मंत्र, ‘ऊं गिरिजायै विद्महे शिव धीमहि तन्नो दुर्गा प्रचोदयात्।’ का जाप करने से सभी तरह के विघ्नों का नाश होने के साथ शत्रुओं के अंहकार पर विजय मिलती है.

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