Tamil Nadu CM MK Stalin handed CBI over case of Ajith death 5 policemen made accused

थिरुप्पुवनम पुलिस स्टेशन में 27 साल के मंदिर सिक्योरिटी गार्ड अजित कुमार की हिरासत में मौत को लेकर तमिलनाडु के CM एमके स्टालिन ने बड़ा फैसला लिया है. मुख्यमंत्री ने अब इस केस को सीबीआई के हाथ में सौंपने का फैसला किया है.  

स्टालिन ने कहा कि यह एक ऐसा घिनौना काम है, जिसमें अपराधियों को माफ नहीं किया जा सकता है. पांच पुलिसकर्मियों को आरोपी बनाया गया है. जांच में निष्पक्षता पर कोई संदेह न रहे, इसके लिए मामले को सीबीआई को सौंपा जा रहा है.

अदालत ने तमिलनाडु पुलिस को लगाई फटकार

सीएम स्टालिन ने कहा, ‘पुलिस की तरफ से ऐसी गलत कार्रवाई कहीं भी और कभी भी नहीं होनी चाहिए. इसलिए तमिलनाडु सरकार इस केस में सीबीआई का पूरा सहयोग करेगी. मद्रास हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान तमिलनाडु पुलिस को जोरदार फटकार लगाई. अदालत ने जेल में हुई इस मौत को ‘हिंसक व्यवहार’ बताया और कहा कि राज्य ने अपने ही एक नागरिक की हत्या की है.

जस्टिस एसएम सुब्रमण्यम ने सुरक्षा गार्ड अजित की मौत के पोस्टमार्डम रिपोर्ट को लेकर हैरानी जताई और कहा कि एक साधारण हत्यारा भी इस तरह की चोट नहीं पहुंचा सकता है. पोस्टमार्डम रिपोर्ट के अनुसार, अजित के शरीर पर 44 चोट के निशान थे. साथ ही उसकी पीठ, मुंह और कानों पर मिर्ची पाउडर लगाया गया था. 

प्रशासन की बड़ी चूक

अदालत ने जांच पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि आखिर बिना किसी आपराधिक रिकॉर्ड के एक शख्स के साथ कैसे इस प्रकार की क्रूरता की जा सकती है. एफआईआर दर्ज करने में देरी, फोरेंसिक जांच में विफलता और पुलिस स्टेशन में बड़े अधिकारियों की अनुपस्थिति प्रशासन की बड़ी चूक है.

बता दें कि अजित के खिलाफ दो महिलाओं ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने शिकायत की थी कि उनकी कार से 10 तोले सोने के जेवर गायब हो गए हैं. पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर अजित को पूछताछ के लिए अरेस्ट किया था.

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