iran us nuclear talks suspended Abbas Araghchi seeks security guarantee trump Netanyahu | ईरान का अमेरिका को अल्टीमेटम! परमाणु हथियारों पर बताया प्लान, कहा

Iran-US Nuclear Talks: ईरान ने अमेरिका को साफ संदेश दे दिया है कि जब तक उसे यह भरोसा नहीं दिलाया जाता कि परमाणु बातचीत के दौरान उस पर कोई सैन्य कार्रवाई नहीं होगी, तब तक किसी भी तरह की प्रत्यक्ष बातचीत संभव नहीं है. ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने सोमवार (30 जून, 2025) को बयान देते हुए कहा, “हम अमेरिका के साथ सीधे संवाद के लिए तैयार नहीं हैं, जब तक यह स्पष्ट गारंटी नहीं मिलती कि बातचीत की प्रक्रिया के दौरान ईरान को किसी भी तरह के हमले का सामना नहीं करना पड़ेगा.” 

अराघची के इस सख्त रुख से साफ है कि ईरान अब बातचीत को बिना सुरक्षा आश्वासन के आगे बढ़ाने को तैयार नहीं है. उन्होंने कहा कि पहले भी ईरान ने बातचीत के लिए दरवाजे खोले थे, लेकिन अमेरिका की नीतियों और हमलों ने भरोसे की बुनियाद कमजोर कर दी. ईरान के विदेश मंत्री का बयान ऐसे समय पर आया है जब अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु समझौते को फिर से बहाल करने को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निगाहें टिकी हुई हैं, लेकिन इस सख्त शर्त ने बातचीत की प्रक्रिया को असमंजस डाल दिया है.

पश्चिम एशिया में सुरक्षा हालात काफी तनावपूर्ण

हाल के हफ्तों में पश्चिम एशिया में सुरक्षा हालात काफी तनावपूर्ण हो गए हैं. ईरान पर हमले, परमाणु ठिकानों को नुकसान और अमेरिका की सैन्य कार्रवाई की आशंकाओं के बीच अब देश ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है. ये देखना भी दिलचस्प होगा कि ईरान के इस बयान पर अमेरिका क्या रिएक्शन देता है और क्या वह ईरान को भरोसा दिलाकर बातचीत की टेबल पर ला पाता है या नहीं.

ईरान के शिया धर्मगुरु ने अमेरिका और इजरायल को दी धमकी

बीते दिन ईरान के जाने-माने शिया धर्मगुरु ग्रैंड अयातुल्ला नासेर मकारेम शिराजी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ कड़ा बयान दिया. उन्होंने दोनों नेताओं को अल्लाह का दुश्मन बताया और उनके खिलाफ फतवा जारी किया. 

अयातुल्ला शिराजी ने अपने बयान में कहा कि जो भी व्यक्ति या सरकार इस्लामी नेताओं को धमकाती है, वह ‘मोहरेब’ कहलाती है. यानी ऐसा व्यक्ति जो अल्लाह के खिलाफ युद्ध करता है. ईरान के कानून के मुताबिक, ‘मोहरेब’ को कड़ी सजा दी जा सकती है, जैसे फांसी, अंग काटना या देश से निकाल देना. 

उन्होंने दुनिया भर के मुसलमानों से अपील की है कि वे एकजुट होकर ट्रंप और नेतन्याहू जैसे नेताओं का विरोध करें जो इस्लामी गणराज्य और उसके नेताओं को धमकी देते हैं. अयातुल्ला ने यह भी कहा कि अगर कोई मुसलमान इस संघर्ष में तकलीफ या नुकसान झेले तो उसे अल्लाह की राह में एक योद्धा माना जाएगा और उसे स्वर्ग में इनाम मिलेगा.

12 दिन तक चला ईरान और इजरायल के बीच युद्ध

ईरान और इजरायल के बीच हाल ही में 12 दिन तक युद्ध चला. यह लड़ाई तब शुरू हुई जब ईरान ने इजरायल पर मिसाइल और ड्रोन से हमला किया. जवाब में इजरायल ने ईरान के कई सैन्य और परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया. इस दौरान दोनों देशों में कई जगह बमबारी और हमले हुए. कई सैनिक मारे गए और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए. इमारतों और सैन्य ठिकानों को भी भारी नुकसान पहुंचा. दोनों देशों की लड़ाई में अमेरिका भी कूद पड़ा और उसने ईरान के तीनों परमाणु ठिकानों को अपना निशाना बनाया. अंत में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों के बीच सीजफायर की घोषणा की.

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