Jharkhand News: झारखंड के साहिबगंज जिले के भोगनाडीह में हूल क्रांति दिवस के कार्यक्रम के दौरान पुलिस और आदिवासियों के बीच झड़प हो गयी। देखते ही देखत ये झड़प हिंसक रूप में बदल गयी और इसमें कई लोग घायल हो गए। बताया जा रहा है कि, बिना अनुमति कार्यक्रम कर रहे आदिवासियों को हटाने पर विवाद बढ़ा, जिसके बाद इसने हिंसक रूप में ले लिया। आदिवासियों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। वहीं, पुलिस ने स्थिति पर काबू पाने के लिए पथराव और लाठीचार्ज किया। इसके साथ ही आंसू गैस के गोले दागे। वहीं, इस घटना को लेकर अब सियासत शुरू हो गयी है। भाजपा सरकार ने झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार पर बड़ा हमला बोला है।
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भोगनाडीह में सिदो-कान्हू मुर्मू हूल फाउंडेशन ने भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन की मुख्य आतिथ्य में आयोजित हूल क्रांति दिवस कार्यक्रम की अनुमति मांगी थी। हालांकि, प्रशासन ने अनुमति देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद भी सोमवार को कार्यक्रम चल रहा था। पुलिस ने सिदो-कान्हू मुर्मू हूल फाउंडेशन द्वारा लगाए गए टेंट को हटाने का प्रयास किया। इसको लेकर वहां पर बवाल हो गया। देखते ही देखते ये हिंसक रूप में ले लिया और आदिवासियों ने पुलिस पर पथराव किया।
हूल दिवस के पावन अवसर पर भोगनाडीह में पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज और आंसू गैस के प्रयोग की घटना अत्यंत निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है। इस बर्बर कार्रवाई में कई ग्रामीणों के घायल होने की सूचना मिली है। मैंने साहिबगंज एसपी से बात कर पूरी घटना की जानकारी ली है।
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— Babulal Marandi (@yourBabulal) June 30, 2025
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पुलिस ने किया लाठीचार्ज
बवाल के बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। इस झड़प में कई पुलिसकर्मी समेत अन्य लोग घायल हुए हैं। अधिकारियों के अनुसार तीन पुलिसकर्मियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। साहिबगंज के डिप्टी कमिश्नर हेमंत सती समेत वरिष्ठ अधिकारी स्थिति पर नज़र रखने के लिए मौके पर मौजूद हैं।
सरकार की यह साजिश कभी सफल नहीं होगी: बाबूलाल मरांडी
पूर्व सीएम और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने इस घटना को लेकर झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार को घेरा है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि, हूल दिवस के पावन अवसर पर भोगनाडीह में पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज और आंसू गैस के प्रयोग की घटना अत्यंत निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है। इस बर्बर कार्रवाई में कई ग्रामीणों के घायल होने की सूचना मिली है। मैंने साहिबगंज एसपी से बात कर पूरी घटना की जानकारी ली है। आज की यह बर्बरता अंग्रेज़ी हुकूमत के दौर की यादें ताज़ा कर दी है। हूल क्रांति की भूमि पर, छह पीढ़ियों के बाद एक बार फिर सिद्धो-कान्हू के वंशजों को अत्याचार और अन्याय के विरुद्ध सड़क पर उतरना पड़ा है।
दरअसल, घुसपैठियों की गोद में बैठी राज्य सरकार नहीं चाहती कि झारखंड का आदिवासी समाज अपने पुरखों की वीरगाथाओं और बलिदानों से प्रेरित होकर अपनी अस्मिता और अधिकारों की रक्षा के लिए संगठित हो। लेकिन सरकार की यह साजिश कभी सफल नहीं होगी। जिस तरह वीर सिद्धो-कान्हू, चांद-भैरव और फूलो-झानो ने हूल क्रांति के माध्यम से अंग्रेजी सत्ता की नींव हिला दी थी, उसी तरह आज भोगनाडीह में लाठीचार्ज की दमनकारी घटना हेमंत सरकार के पतन का कारण सिद्ध होगी।
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