The Second Phase Of ‘School Chalo Abhiyaan’ Will Be From 1st July To 15th July

लखनऊ। जब नेतृत्व संकल्प ले और प्रशासन संजीवनी दे, तो परिवर्तन केवल लक्ष्य नहीं, परंपरा बन जाता है। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) की अगुवाई में शिक्षा को सामाजिक समावेशन और समान अवसर का मजबूत आधार बनाया जा रहा है। इसी क्रम में शैक्षिक सत्र 2025-26 की शुरुआत के साथ ही 1 जुलाई से 15 जुलाई 2025 तक ‘स्कूल चलो अभियान’ (School Chalo Abhiyan) का द्वितीय चरण पूरे प्रदेश में जोरशोर से संचालित किया जाएगा।

राज्य सरकार ने सभी जिलों को अभियान (School Chalo Abhiyan) के संचालन हेतु ₹2 लाख की धनराशि पहले ही जारी कर दी है। यह केवल एक नामांकन अभियान नहीं होगा, बल्कि उन बच्चों तक शिक्षा की रोशनी पहुंचाने की कोशिश है जो अब तक स्कूल से दूर रहे हैं। ग्रीष्मावकाश के बाद 1 जुलाई से विद्यालय खुलते ही समस्त परिषदीय विद्यालयों को स्वच्छ, सुंदर और उत्सवमय रूप में सजाया जाएगा। हर छात्र-छात्रा का रोली-चंदन, पुष्प-मालाओं और मधुर व्यंजनों से स्वागत किया जाएगा। इस दिन के मध्यान्ह भोजन में विशेष रूप से हलवा और खीर जैसे व्यंजन परोसे जाएंगे, ताकि बच्चों को स्नेह, अपनत्व और उत्साह का अनुभव हो।

नामांकन संवर्धन और ड्रॉपआउट पर विशेष ध्यान

‘स्कूल चलो अभियान’ (School Chalo Abhiyan) के तहत शिक्षक, अनुदेशक, शिक्षामित्र और एसएमसी सदस्य घर-घर जाकर बच्चों का नामांकन सुनिश्चित करेंगे। ड्रॉपआउट या आउट-ऑफ-स्कूल बच्चों की पहचान कर उनके अभिभावकों से संवाद स्थापित किया जाएगा। बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बार-बार दोहराया जाता रहा है कि 6 से 14 वर्ष का कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। यह सरकार की प्राथमिकता है।

केंद्र में होगी बालिका शिक्षा

घर के कार्यों या सामाजिक कारणों से स्कूल से दूर रहने वाली बालिकाओं के नामांकन और उपस्थिति पर विशेष बल दिया जाएगा। विद्यालयों में मीना मंच द्वारा नाटक, कहानी वाचन और संवाद के ज़रिए बालिका शिक्षा के महत्व को उजागर किया जाएगा।

विशेष समुदायों पर लक्षित प्रयास

ईंट-भट्ठों पर कार्यरत, झुग्गी-झोपड़ी, रेलवे स्टेशन, घुमंतू और जनजातीय परिवारों के बच्चों को चिन्हित कर उनका शत-प्रतिशत नामांकन सुनिश्चित करने हेतु विद्यालयों में विशेष बैठकें आयोजित की जाएंगी।

जनजागरूकता से होगा परिवर्तन

विद्यालयों द्वारा रैलियाँ, मुनादी, उद्घोषणा तथा सोशल मीडिया के माध्यम से व्यापक प्रचार किया जाएगा। जिले के प्रभावशाली व्यक्तियों, स्वयं सहायता समूहों, NGO और अभिभावकों को अभियान में सक्रिय भागीदारी के लिए जोड़ा जाएगा।

शिक्षा के आंकड़ों की निगरानी और पोर्टल पर अपडेट

नामांकन से संबंधित डेटा को विद्यालय पंजिका, यू-डायस और प्रेरणा पोर्टल पर अनिवार्य रूप से अपलोड किया जाएगा। प्रेरणा पोर्टल के SMC मॉड्यूल में DCF तैयार किया गया है, जिसकी प्रविष्टि 30 जुलाई, 2025 तक कराना सुनिश्चित किया गया है।

जिला प्रशासन की भूमिका होगी निर्णायक

जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जनपद एवं विकासखंड स्तर पर ‘गोष्ठियाँ’ आयोजित की जाएंगी, जहाँ आउट ऑफ स्कूल बच्चों की स्थिति, छात्र नामांकन और उपस्थिति पर समीक्षा की जाएगी। इन आँकड़ों के आधार पर रणनीति और कार्ययोजना तय कर क्रियान्वयन होगा।

मुख्य बिंदु

– अभियान अवधि: 1 से 15 जुलाई 2025

– स्वागत योजना: पुष्प, तिलक, मीठा व्यंजन

– धनराशि: ₹2 लाख प्रति जनपद

– फोकस: बालिकाएँ, ड्रॉपआउट, घुमंतू समुदाय

– डेटा रिपोर्टिंग: प्रेरणा पोर्टल पर 30 जुलाई तक अनिवार्य

‘स्कूल चलो अभियान’ (School Chalo Abhiyan) उत्तर प्रदेश सरकार की शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता का सजीव उदाहरण है। यह केवल एक अभियान नहीं, बल्कि हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार दिलाने का हमारा संकल्प है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में हमारी सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि अगर कोई बच्चा स्कूल नहीं आ पा रहा है, तो शिक्षा स्वयं उसके द्वार तक पहुंचे।
— संदीप सिंह, बेसिक शिक्षा मंत्री, उत्तर प्रदेश

Read More at www.newsganj.com