तैयार हो रहा है नार्थ ईस्ट इंडिया का पहला हाईवे, जहां उतर सकेंगे सुखोई और राफेल

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बताया कि नॉर्थ ईस्ट का पहला ऐसा हाईवे बनकर तैयार हो रहा है, जिस पर फाइटर जेट्स उतर सकेंगे। असम के सीएम ने सोशल मीडिया पर फोटो शेयर कर लिखा कि यह सिर्फ एक हाईवे नहीं है, बल्कि यह नॉर्थ ईस्ट का पहला ऐसा हाईवे है, जहां आपातकालीन स्थिति में लैंडिंग हो सकती है।

असम के हाईवे पर उतरे जहाज

हिमंत बिस्वा सरमा ने बताया कि अक्टूबर तक असम के राजमार्ग पर तैयार की जा रही 4 किमी लंबी आपातकालीन लैंडिंग पट्टी पर राफेल और Su-30 जैसे लड़ाकू विमान आपातकाल में लैंडिंग कर सकेंगे। भारतीय सेना पूर्वोत्तर सीमा पर हर चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।

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सीएम ने कहा कि मैंने आज आकर इस हाईवे का निरीक्षण किया है। जिला प्रशासन, NHAI के अधिकारियों और एयर फोर्स के अधिकारियों के साथ बैठक की और जो भी परेशानियाँ आ रही थीं, उनका निस्तारण किया है। एक पट्टी लोअर असम में बनेगी और दूसरी सेंट्रल असम में बनाई जा रही है।

हर 50 से 100 किलोमीटर पर एक हेलीपैड बनाने की योजना

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने हाईवे के किनारे नियमित अंतराल पर हेलीपैड बनाने की योजना के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि हम हाईवे के किनारे ऊंचे इलाकों में हेलीपैड बनाने की कोशिश कर रहे हैं। बाढ़ के दौरान, जब हेलीकॉप्टर उतारने के लिए कोई सुरक्षित जगह नहीं होती तो ये हेलीपैड बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। योजना हर 50 से 100 किलोमीटर पर एक हेलीपैड बनाने की है।

उन्होंने यह भी बताया कि हमारा मकसद नुमालीगढ़ से डिब्रूगढ़-तिनसुकिया तक पूरे मार्ग को एक आधुनिक, लचीले कॉरिडोर में बदलना है। इससे असम की आपदा प्रतिक्रिया क्षमताओं को बढ़ेगी, खासतौर पर तब जब बाढ़ की स्थिति होती है और मौजूदा रनवे और हेलीपैड काम नहीं कर पाते। मुख्यमंत्री ने बताया कि इन योजनाओं पर  रक्षा मंत्रालय, एनएचआईडीसीएल और केंद्र के साथ मिलकर काम किया जा रहा है।

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