Rules for eating: भोजन जीने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. ये केवल आपके शरीर की भूख नहीं मिटाता, बल्कि सनातन धर्म में इसे पवित्र कर्म भी माना जाता है. भारतीय संस्कृति में भोजन करते समय उसे यज्ञ की परिभाषा दी जाती है.
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक भोजन का हर निवाला ब्रह्म को अर्पण होता है. यही कारण है कि जब हम खाना खाते हैं तो उस वक्त दिखाई न देने वाली शक्तियां भी हमारे आसपास मौजूद रहती है.
हिंदू शास्त्रों के मुताबिक जब हम भोजन करते हैं तो उस वक्त देवता, पितर और अदृश्य जीव तीनों मौजूद रहते हैं. हमारे भोजन में ब्रह्म का वास होता है. इसलिए खाना खाने से पहले कई लोग ‘ब्रह्मार्पणं ब्रह्म हविर्ब्रह्माग्नौ ब्राह्मण हुतम्। ब्रह्मैव तेन गन्तव्यं ब्रह्मकर्मसमाधिना’ मंत्र का जाप करते हैं.
नीचे गिरा हुआ खाना क्यों नहीं खाना चाहिए?
जब आप खाना खाते हैं तो आपके आसपास अदृश्य शक्तियों का वास होता है. ऐसे में अगर भोजन करने के दौरान आपका भोजन नीचे गिरता है तो उसे प्रेत ग्रहण कर लेता है. ऐसे खाने को भूलकर भी नहीं खाना चाहिए.
नीचे गिरे हुआ खाना खाने से आपके अंदर नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है.
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक भोजन करते वक्त आपके आसपास अदृश्य ऊर्जा मौजूद होती है. अगर आप गुस्से या गलत भाव से भोजन कर रहे हैं तो नकारात्मक शक्तियां गलत प्रभाव डाल सकती है. वहीं शांत और प्रसन्न होकर भोजन करने से खाना शरीर को लगता है और सेहत अच्छी रहती है.
टीवी या फोन देखते समय भोजन करने से बचें
आजकल ज्यादातर लोग भोजन करते समय बात-बात पर फोन या टीवी देखते हैं. हिंदू धर्म के मुताबिक ये आदतें आपके ध्यान को भंग करती है. साथ ही आपके आसपास मौजूद अदृश्य शक्तियों पर भी गलत प्रभाव डालती है.
इसलिए शास्त्रों में कहा गया है कि, भोजन करते समय आपको चुपचाप और ध्यान केंद्रित करके भोजन करना चाहिए. भोजन केवल पेट भरने का काम नहीं है, बल्कि ये आपकी आत्मा को ऊर्जा देने का माध्यम है. इसलिए जब भी भोजन करने जाएं तो आभार व्यक्त होकर श्रद्धा के साथ भोजन करें.
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