Pakistan Army Chief Asim Munir has reaffirmed Pak support for terrorism in Kashmir calling it legitimate struggle | Pakistan Army Chief: आसिम मुनीर ने भारत के खिलाफ फिर उगला जहर, आतंकवाद को बताया संघर्ष; कहा

Pakistan Army Chief Asim Munir On Kashmir: पाकिस्तान के फील्ड मार्शल जनरल आसिम मुनीर ने भारत के खिलाफ एक बार फिर जहर उगला है. आसिम मुनीर ने आतंकवाद को संघर्ष बताते हुए उसको समर्थन देने की बात कही. 

पाक आर्मी चीफ ने कहा, ‘आतंकवाद के लिए राजनीतिक-कूटनीतिक- Moral समर्थन जारी रखेंगे. हम कश्मीरी लोगों के अधिकार और लंबे समय से चले आ रहे विवाद के समाधान के लिए उनके साथ मजबूती से खड़े हैं. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव और कश्मीर के लोगों की आकांक्षा के अनुसार, भारत जिसे आतंकवाद कहता है, वह वास्तव में वैध संघर्ष है.’

आसिम मुनीर ने कहा, ‘दुनिया को यह समझना होगा कि कश्मीर मुद्दे के न्यायोचित और शांतिपूर्ण समाधान के बिना, क्षेत्रीय शांति सदैव अप्राप्य बनी रहेगी और दक्षिण एशिया में हमेशा खतरा बना रहेगा. मैं उन लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, जो JK में आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए संघर्ष कर रहे हैं, उनकी दृढ़ता कभी कम नहीं होगा.’

कश्मीर को लेकर दो टूक जवाब दे चुका है भारत

भारत बार-बार स्पष्ट कर चुका है कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है, जिसकी संवैधानिक स्थिति 5 अगस्त 2019 को और स्पष्ट की गई. पाकिस्तान कश्मीर में सांप्रदायिक विद्वेष और आतंकवाद को बढ़ावा देता आया है. अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत ने पाकिस्तान को आतंकवाद का केंद्र बताया है, खासकर लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, और TRF जैसे संगठनों को लेकर. भारत इस बात पर जोर देता है कि पाकिस्तान का समर्थन वास्तव में सैन्य-प्रशिक्षण, फंडिंग और लॉजिस्टिक सहायता है, जो आतंकवादियों को दी जाती है.

आखिर आतंकवाद का खुलेआम समर्थन क्यों कर रहे आसिम मुनीर?

आसिम मुनीर का यह बयान उस समय आया है जब पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था चरमराई हुई है. आतंकी हमले वजीरिस्तान, बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में बढ़ रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान अलग-थलग पड़ रहा है. इस संदर्भ में कश्मीर कार्ड” खेलना पाकिस्तान की पुरानी रणनीति है ताकि अपने नागरिकों का ध्यान आंतरिक समस्याओं से हटाया जा सके.

संयुक्त राष्ट्र और कश्मीर की सच्चाई क्या है? 

पाकिस्तान अकसर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों की बात करता है, लेकिन सच्चाई यह है कि UNSC Resolution 47 (1948) में स्पष्ट शर्त थी कि पाकिस्तान पहले अपने क्षेत्र से सारे आतंकी और गैरकानूनी तत्व हटाएगा, जो आज तक नहीं हुआ. पाकिस्तान ने कभी भी शांति की प्रक्रिया को गंभीरता से नहीं लिया और सिर्फ आतंकवाद को बढ़ावा दिया. संयुक्त राष्ट्र में अब कश्मीर का मुद्दा निष्क्रिय माना जाता है और अधिकांश देशों ने इसे भारत का आंतरिक मामला स्वीकार किया है. 

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