SEBI Biggest Raid: मॉनीटरी वैल्यू के हिसाब से इस महीने जून में बाजार नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने अपने इतिहास की सबसे बड़ी रेड की है। यह रेड पंप एंड डंप स्कैम में पड़ी। मनीकंट्रोल ने कुछ दिनों पहले 19 जून को ही जानकारी दी थी कि सेबी ने कई शहरों में छापेमारी की है। अब खुद सेबी ने 27 जून को इसका खुलासा कर दिया। सेबी का कहना है कि जून महीने में उसने कई स्थानों पर तलाशी और जब्ती अभियान चलाया। यह छापेमारी कुछ सिक्योरिटीज में पंप एंड डंप से जुड़े मामले में की गई और इसमें कुछ अहम सबूत भी जब्त किए गए हैं।
कितनी बड़ी रही SEBI की रेड?
पंप एंड डंप का मतलब है कि इसमें ऑपरेटर्स किसी स्टॉक का भाव मनमानी तरीके से बढ़ाते हैं जिससे कंपनी के सुनहरे भविष्य को लेकर झूठा माहौल तैयार होता है। जब शेयर बहुत ऊपर पहुंच जाते हैं तो एकाएक वे पब्लिक शेयरहोल्डर्स को इसे बेच देते हैं और शेयर क्रैश हो जाते हैं। इससे आम निवेशक इसमें फंस जाते हैं। इन्हीं से जुड़े ₹300 करोड़ के मामलों में सेबी ने 18 जून को अहमदाबाद, मुंबई और गुरुग्राम में रेड मारी। मनीकंट्रोल को उस समय सूत्रों ने बताया था कि मॉनीटरी वैल्यू के हिसाब से बात करें तो अब तक सेबी ने इतनी बड़ी रेड कभी नहीं की है।
कहां तक पहुंची कार्रवाई?
सेबी ने 15-20 शेल कंपनियों पर छापेमारी की थी जिसे कथित रूप से कुछ लिस्टेड कंपनियों के प्रमोटर्स और कुछ ऑपरेटर्स ने अपने शेयरों को पंप एंड डंप करने के लिए ही बनाया था। इस मामले में सेबी ने कंपनी के डॉक्यूमेंट्स और रबर स्टैम्प्स जैसे कुछ अहम डॉक्यूमेंट्स जब्त किए हैं। शुरुआत आकलन के हिसाब से यह घोटाला कम से कम ₹300 करोड़ का लगता है लेकिन जब्त डॉक्यूमेंट्स पर सेबी की एनालिसिस पूरी होने के बाद और डिटेल्स सामने आएंगी। सेबी का कहना है कि इस मामले में अभी जांच चल रही है।
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